माँ और अफ़सर: 20 दिन की बेटी के साथ आत्मविश्वास से DSP बनी वर्षा की कहानी

सतना
मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीएससी 2024) की चयन सूची ने इस बार सतना और मैहर के होनहारों की चमक बढ़ा दी है। लेकिन इनमें सबसे प्रेरणादायक कहानी है मैहर जिले की वर्षा पटेल की, जिन्होंने गोद में 20 दिन की मासूम बेटी लेकर साक्षात्कार दिया और सीधे डीएसपी पद पर चयनित होकर महिला वर्ग में प्रदेश में पहली रैंक हासिल की। उनकी यह उपलब्धि सिर्फ जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बन गई है।

20 दिन की बेटी को गोद में लेकर साक्षात्कार
रामनगर क्षेत्र के बाबूपुर गांव की रहने वाली वर्षा पटेल की परीक्षा यात्रा आसान नहीं रही। यह उनका तीसरा प्रयास था। जब इंटरव्यू का कॉल आया, उस वक्त उनकी बेटी श्रीजा सिर्फ 20 दिन की थी। लेकिन मातृत्व की जिम्मेदारी और प्रशासनिक सेवा का सपना, दोनों को साथ लेकर वर्षा इंटरव्यू में पहुंचीं। बेटी को गोद में लेकर उन्होंने हर सवाल का आत्मविश्वास से जवाब दिया। बाहर निकलते ही उन्हें महसूस हुआ कि अब सफलता तय है और नतीजों ने भी यही साबित कर दिया।
 
पति ने छोड़ी नौकरी, दिया हौसला
वर्षा ने अपनी पढ़ाई दमोह से की और बीएससी बायो से उच्च शिक्षा हासिल की। तैयारी के दौरान उन्होंने मात्र छह माह इंदौर से कोचिंग ली, बाकी मेहनत खुद पर भरोसा कर की। इस पूरे संघर्ष में उनके पति संजय कुमार सबसे बड़ा सहारा बने। इंजीनियर होने के बावजूद उन्होंने पत्नी के सपनों को पूरा करने के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और मैहर में रहकर व्यवसाय शुरू किया। वर्षा मानती हैं कि उनकी सफलता में पति का त्याग और सहयोग सबसे अहम है।
 
आशीष पाण्डेय ने भी बढ़ाया सतना का मान
इसी सूची में सतना जिले के रैगांव क्षेत्र के इटौरा गांव के आशीष पाण्डेय का चयन ट्रेज़री ऑफिसर पद पर हुआ है। उनके पिता उमेश पाण्डेय गुजरात में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते हैं। आशीष ने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की है। साधारण परिवार से निकलकर यह मुकाम पाने वाले आशीष युवाओं के लिए मिसाल हैं।

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