भोपाल में मस्जिद विवाद, संगठन बोला- नोटिस के खिलाफ होगी आर-पार की जंग

भोपाल
राजधानी भोपाल में दो मस्जिदों को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. जिला प्रशासन ने इन मस्जिदों को अवैध बताते हुए हटाने का निर्देश दिया है, लेकिन मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. मुस्लिम संगठनों का दावा है कि मस्जिदें वक्फ की संपत्ति हैं और उनके पास वैध दस्तावेज हैं, जबकि हिंदू संगठन इन्हें तत्काल हटाने की मांग कर रहे हैं. यह मामला अब धार्मिक और राजनीतिक रूप ले चुका है.
हिंदू और मुस्लिम संगठनों के विवादास्पद बयान बता रहे हैं कि राजधानी भोपाल में मामला तनावपूर्ण है. विवाद का केंद्र है- भोपाल की लाइफलाइन कहे जाने वाले बड़े तालाब के क्षेत्र में स्थित 'दिलकश मस्जिद' और 'भदभदा मस्जिद'.
4 जुलाई को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी कर इन मस्जिदों को अतिक्रमित भूमि पर निर्मित बताया. नायब तहसीलदार के आदेश में कहा गया है कि दोनों मस्जिदें स्थायी संरचनाएं हैं, जो अवैध रूप से अतिक्रमित जमीन पर बनी हैं और इन्हें तुरंत हटाया जाए, अन्यथा बलपूर्वक बेदखली की जाएगी.
मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड ने इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि दोनों मस्जिदें उनकी वैध संपत्ति हैं और इसके लिए उनके पास कानूनी दस्तावेज मौजूद हैं. राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) ने वक्फ बोर्ड को इस मामले में पक्षकार बनाया, लेकिन स्थगन आदेश देने से इनकार कर दिया, जिसके खिलाफ बोर्ड ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की है. वक्फ बोर्ड ने यह जानकारी मस्जिद परिसर में नोटिस चस्पा कर दी है.
'मस्जिद में अगर पैर भी रखा तो आर-पार की लड़ाई होगी'
मस्जिद हटाने के नोटिस की खबर फैलते ही मुस्लिम संगठन विरोध में उतर आए. ऑल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के संयोजक शमशुल हसन ने कहा कि NGT की कार्रवाई अनुचित है, दोनों मस्जिदें वक्फ की संपत्ति हैं और अगर इन्हें तोड़ा गया तो आर-पार की लड़ाई होगी.
दिलकश मस्जिद और भदभदा मस्जिद को नोटिस का कारण बड़ा तालाब है, जिसे भोपाल की शान माना जाता है. प्रशासन ने तालाब के शहरी क्षेत्र में 50 मीटर और ग्रामीण क्षेत्र में 250 मीटर के दायरे में आने वाले अतिक्रमणों पर नोटिस जारी करना शुरू किया है.
NGT के आदेश का पालन किया जाएगा
टीटी नगर की एसडीएम अर्चना शर्मा ने बताया कि NGT और पर्यावरण मंत्रालय की अधिसूचना के अनुपालन में प्रशासन द्वारा गठित दल ने सर्वेक्षण में पाया कि इन दो मस्जिदों के अलावा मंदिर, समाधि सहित 35 अन्य अतिक्रमण फुल टैंक लेवल (FTL) क्षेत्र में हैं, जिन्हें हटाया जाना है. प्रशासन अब वक्फ बोर्ड और मस्जिद कमेटी का पक्ष सुनने के बाद कार्रवाई की बात कह रहा है.
सरकार ने कहा- लैंड जिहाद मंजूर नहीं
NGT के आदेश के बाद यह मामला राजनीतिक और धार्मिक रंग ले चुका है. मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि 'लैंड जिहाद' किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगा और NGT के आदेश और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
जाहिर है कि मस्जिदों का भविष्य अब हाईकोर्ट की सुनवाई पर निर्भर है. यह प्रशासन की कार्रवाई और वक्फ बोर्ड के दस्तावेजों पर निर्भर करेगा कि क्या मस्जिदें हटाई जाएंगी या बचाई जा सकेंगी. इसका अंतिम फैसला प्रशासन और हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद ही होगा.