देश में बैंकों को लेकर मोदी सरकार बड़ा फैसला, बैंकों की संख्या वर्तमान में 43 से घटकर 28 हो जाने की संभावना है

नई दिल्ली
देश में बैंकों को लेकर मोदी सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। दरअसल, बैंकों की संख्या कम किया जाएगा और शेष बचे बैंकों को व्यवस्थित और सुचारू रूप से संचालित किया जाएगा। बैंकों की संख्या वर्तमान में 43 से घटकर 28 हो जाने की संभावना है।

इन राज्यों के बैंकों का होगा विलय
बता दें कि वित्त मंत्रालय के तरफ से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का दूसरे बैंकों में विलय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।  आरआरबी का विलय आंध्र प्रदेश (चार आरआरबी), उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल (प्रत्येक में तीन) और बिहार, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा तथा राजस्थान (प्रत्येक में दो) में किया जाएगा। वित्तीय सेवा विभाग ने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के प्रायोजक बैंकों के प्रमुखों से 20 नवंबर तक टिप्पणियां मांगी हैं। वहीं यूपी के तीनों ग्रामीण बैंकों के विलय से यूपी राज्य ग्रामीण बैंक आकार लेगा, जिसका प्रस्तावित मुख्यालय राजधानी लखनऊ में होगा।

UP में तीन ग्रामीण बैंकों का विलय
उत्तर प्रदेश में ग्रामीण बैंक को बड़ा बनाने की तैयारी है, इसके बाद प्रदेश का  सबसे बड़े नेटवर्क वाला बैंक हो जाएगा, जो प्रदेश के 75 जिलों में अपनी 4317 शाखाओं के साथ कार्यरत होगा। बता दें कि अभी प्रदेश में भारतीय स्टेट बैंक की शाखाएं सर्वाधिक हैं, जिनकी संख्या 2780 है। भारत सरकार के निर्देशानुसार ग्रामीण बैंकों के विलय का यह चौथा चरण है।

यूपी में स्टेट बैंक से भी ज्यादा शाखाएं ग्रामीण बैंक की होंगी
यूपी में अब सबसे ज्यादा शाखाएं ग्रामीण बैंक की होंगी। स्टेट बैंक से भी ज्यादा। यह नया बैंक प्रदेश की तीनों ग्रामीण बैंकों के मर्जर के बाद आकार लेगा। इसका नाम यूपी राज्य ग्रामीण बैंक होगा। इसकी कवायद केंद्र सरकार ने शुरू कर दी है। बड़ौदा यूपी बैंक, आयावर्त बैंक और प्रथमा यूपी बैंक सहित अन्य राज्यों में जहां एक से अधिक ग्रामीण बैंक कार्यरत हैं, के विलय की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। इसके लिए केंद्रीय वित्त मंत्रालय के निदेशक सुशील कुमार सिंह ने राज्य सरकार और प्रायोजक बैंक को पत्र भेजकर 20 नवंबर तक अपनी सहमति भेजने को कहा है।

इसका प्रधान कार्यालय लखनऊ में रहेगा
वहीं इस विलय की प्रक्रिया को लेकर ALL India ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव डीएन त्रिवेदी का कहना है कि वित्त मंत्रालय ने आपसी विलय के लिए राज्य के अधिकतम व्यापार वाले ग्रामीण Bank में दूसरे ग्रामीण बैंक के विलय और राज्य मुख्यालय में प्रधान कार्यालय स्थापित करने का निर्देश दिया है। इसके तहत बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा प्रायोजिक बड़ौदा यूपी बैंक के साथ बैंक ऑफ इंडिया द्वारा प्रायोजित आर्यावर्त बैंक व पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रायोजित प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक का विलय होगा। इसका प्रधान कार्यालय लखनऊ में रहेगा।

विलय से ये होंगे लाभ
ग्रमीण बैंकों के विलय होने के बाद इन बैंकों के संसाधन बढ़ जाएंगे व ऋण देने की क्षमता भी बढ़ जाएगी जिससे राज्य, खासकर ग्रामीण अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी।
विलय होने के बाद से ग्रामीण बैंक बाजार से पूंजी एकत्र करने में सक्षम होंगे।
विलय होने के बाद  ग्रामीण बैंक की पूंजी के लिए सरकार पर निर्भरता कम होगी और अपने स्थापना खर्च वहन करने में आत्मनिर्भर होंगे

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button