देश में अल्पसंख्यक सेफ नहीं,RAW करा रहा विदेशों में हत्याएं; अमेरिका में बैन की मांग

वॉशिंगटन
दुनिया भर के देशों के प्रवासियों को हथकड़ी पहनाकर आतंकियों की तरह मिलिट्री जहाजों में भेजने वाले अमेरिका ने धार्मिक स्वतंत्रता पर भारत को ज्ञान दिया है। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने मंगलवार को भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति पर टिप्पणी की है। इसमें कहा गया है कि भारत में अल्पसंख्यकों के साथ बुरा व्यवहार हो रहा है। अमेरिकी आयोग ने भारत की जासूसी एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की है। इसके लिए उसने सिख अलगाववादियों की कथित हत्या में भारतीय एजेंसी की संलिप्तता के बेबुनियाद आरोपों को आधार बनाया है।
क्या ट्रंप लगाएंगे प्रतिबंध?
रिपोर्ट में उस भारत की जासूसी एजेंसी के खिलाफ ऐक्शन की बात कही है, जिसके साथ वॉशिंगटन ने चीन की साझा चिंताओं को देखते हुए घनिष्ठ संबंध बनाने की कोशिश की है। विश्लेषकों का कहना है कि वॉशिंगटन ने लंबे समय से नई दिल्ली को एशिया और अन्य जगहों पर चीन के बढ़ते प्रभाव के प्रतिकार के रूप में देखा है। रॉयट्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि अमेरिकी सरकार भारत की जासूसी संस्था RAW के खिलाफ प्रतिबंध लगाएगी, क्योंकि पैनल की सिफारिशें बाध्यकारी नहीं है।
बाइडन प्रशासन के दौरान भारत पर लगा था आरोप
बाइडन प्रशासन के दौरान अमेरिका में कथित तौर पर सिख अलगाववादियों को निशाना बनाए जाने के आरोपों को लेकर नई दिल्ली और वॉशिंगटन के संबंधो में असहजता देखने को मिली थी। वॉशिंटन ने एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी विकास यादव पर एक अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने का आरोप लगाया था। भारत ने इसमें शामिल होने से इनकार किया था। हालांकि, भारत सरकार पन्नू को सिख आतंकवादी मानती है और उसे सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में देखती है।
मोदी सरकार पर लगाया आरोप
मंगलवार को जारी अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'साल 2024 में भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति और खराब होती गई, क्योंकि धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमले और भेदभाव बढ़ता रहेगा।' इसमें कहा गया कि 'हिंदू राष्ट्रवादी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी' ने पिछले साल के चुनाव अभियान के दौरान 'मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ घृणित बयानबाजी और गलत सूचनाओं का प्रचार किया।'
आयोग ने अमेरिकी सरकार से धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने के लिए भारत को विशेष चिंता का देश घोषित करने और यादव एवं रॉ के खिलाफ लक्षित प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की। रिपोर्ट में कम्युनिस्ट शासित वियतनाम को भी विशेष चिंता वाले देशों में शामिल करने की सिफारिश की गई है।