मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर IAS ट्रांसफर, सीधी-रीवा-भिंड के कलेक्टर बदलना तय

भोपाल 

मध्य प्रदेश में बहुप्रतीक्षित आईएएस अधिकारियों की तबादला सूची अनंत चतुर्दशी के बाद जारी होगी। इन दिनों गणेश विसर्जन के जुलूस निकल रहे हैं। इस दौरान कानून-व्यवस्था को देखते हुए अभी कलेक्टरों को बदला जा रहा है। नवरात्रि के दो-चार दिन पहले तबादला आदेश जारी होंगे ताकि नए कलेक्टर पदभार ग्रहण करने के कुछ दिनों में जिलों को समझ भी लें। मुख्यमंत्री सीधी, रीवा, भिंड सहित कुछ जिलों के कलेक्टरों से नाराज हैं जिनका तबादला होना निश्चित बताया जा रहा है। करीब एक दर्जन कलेक्टरों के साथ ही तीन संभाग के कमिश्नर भी इससे प्रभावित हो सकते हैं। 2010 बैच के आईएएस अधिकारियों, जिन्हें तीन-चार महीने बाद सुपर टाइम स्केल मिलना है, को भी सुपर टाइम स्केल वाली पदस्थापना मिल सकती है। 2010 बैच के इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह का उज्जैन संभाग का कमिश्नर बनना तय माना जा रहा है। जबलपुर के कलेक्टर दीपक सक्सेना को भी किसी बड़े संभाग का कमिश्नर बनाया जा सकता है। भोपाल के कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह भी 2010 बैच के अधिकारी हैं, उन्हें भी किसी बड़े विभाग का विभाग अध्यक्ष बनाने के साथ ही संबंधित कॉरपोरेशन का MD बनाने की चर्चा है।  

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की अपील का दिखा असर 
मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने 3 सितंबर को अपना जन्मदिन परिवार के साथ बाबा महाकाल के दरबार में मनाया और भगवान महाकालेश्वर का आशीर्वाद लिया। मध्य प्रदेश में शायद पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी राजनीतिक हस्ती का जन्मदिन हो और कहीं पर भी होर्डिंग, बैनर और विज्ञापन नहीं दिखे। दरअसल खंडेलवाल ने अपने जन्मदिन से दो दिन पहले ही अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से सभी कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि उनके जन्मदिन पर किसी भी प्रकार का होर्डिंग, बैनर या किसी प्रचार माध्यम से शुभकामनाएं ना दें। उन्होंने न सिर्फ यह अपील की वरन यह सुनिश्चित किया कि इसका पालन भी हो वरना पूर्व में यह देखा गया है कि राजनीतिक हस्ती दिखावे के लिए अपील तो कर देती है लेकिन होता यही है कि अखबारों में पूरे पेज के विज्ञापन के साथ ही शहर जन्मदिन के होर्डिंग और बैनर से सजे रहते हैं लेकिन वाकई इस बार ऐसा नहीं हुआ। 

केवल एक सदस्य के भरोसे मानव अधिकार आयोग 
मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग की संरचना के अनुसार अध्यक्ष और तीन सदस्य होते हैं, लेकिन वर्तमान में आयोग की स्थिति यह है कि पिछले कुछ महीनों से केवल एक ही सदस्य पूर्व आईपीएस अधिकारी राजीव टंडन ही कार्यरत हैं। जस्टिस एनके जैन के रिटायरमेंट के बाद अध्यक्ष पद पर तो पिछले दो वर्षों से कोई नहीं है। पूर्व न्यायाधीश मनोहर ममतानी थे तो केवल सदस्य लेकिन पिछले 2 वर्ष से कार्यवाहक अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे थे, लेकिन वे भी चार महीने पहले रिटायर हो चुके हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार आने वाले समय में इस महत्वपूर्ण संवैधानिक संस्था में अध्यक्ष और सदस्य की जल्द ही नियुक्ति करेगी।

उप लोकायुक्त: एक पद भरा, अभी भी एक पद खाली 
मध्य प्रदेश में उप लोकायुक्त पद पर प्रदेश के पूर्व प्रमुख सचिव विधि नरेंद्र प्रसाद सिंह की नियुक्ति राज्य शासन ने कर दी है। लोकायुक्त संगठन की संरचना के अनुसार दो उप लोकायुक्त की पदस्थापना की जा सकती है, यानी अभी भी एक पद खाली है। बता दें कि उप लोकायुक्त के दोनों पद पिछले दो साल से खाली रहे हैं। कुछ साल पहले लोकायुक्त के दोनों पद भरे हुए थे और इन पदों पर पूर्व न्यायाधीश उमेश माहेश्वरी और श्री पालो पदस्थ रहे हैं। इससे पहले भी पूर्व न्यायाधीश चंद्र भूषण भी इस पद पर रहे हैं।

दो महत्वपूर्ण संस्थाओं के डीजी इस माह हो रहे रिटायर
इस महीने महानिदेशक स्तर के दो आईपीएस अधिकारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ये अधिकारी हैं राजविंदर सिंह भट्टी, महानिदेशक, सीआईएसएफ और राहुल रसगोत्रा, महानिदेशक, आईटीबीपी। भट्टी बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं जबकि रसगोत्रा मणिपुर कैडर के हैं। इस बीच पता चला है कि 1991 से 1994 के बीच के लगभग एक दर्जन आईपीएस अधिकारी इस दोनों पदों को हासिल करने के लिए जोड़ तोड़ में जुट गए हैं। माना जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय 20 सितंबर के बाद इन दोनों पदों के प्रमुखों के बारे में फैसला ले सकती है। 

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