भर्ती परीक्षाओं को लेकर बड़ा बदलाव: उम्मीदवार अब नहीं कर पाएंगे प्रश्नपत्र पर चर्चा

जयपुर
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने भर्ती परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब परीक्षा के बाद उम्मीदवार, कोचिंग संचालक या शिक्षक किसी भी तरह से पेपर का एनालिसिस या डिस्कशन नहीं कर सकेंगे। यह नियम आगामी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा से लागू होगा। चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि 19 सितंबर से होने वाली परीक्षा के दौरान यह नियम सख्ती से लागू रहेगा।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कोई भी व्यक्ति परीक्षा के बीच ऑनलाइन या ऑफलाइन पेपर का सॉल्यूशन या चर्चा करता है तो इसे परीक्षा में बाधा माना जाएगा। इस तरह का कदम छात्रों की तैयारी और परीक्षा की निष्पक्षता को प्रभावित करता है, इसलिए इस पर रोक लगाई जा रही है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार और शिक्षक परीक्षा के पेपर पर 19 सितंबर से पहले या 21 सितंबर के बाद ही चर्चा कर सकते हैं। परीक्षा के बीच किसी भी तरह का विश्लेषण करना या साझा करना नियम के खिलाफ होगा और ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए सरकार ने परिवहन संबंधी सुविधा भी दी है। आलोक राज ने बताया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा के दौरान 24.75 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स प्रदेशभर में 19 से 23 सितंबर तक राजस्थान रोडवेज की बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगे। इसके लिए छात्रों को केवल अपना एडमिट कार्ड बस कंडक्टर को दिखाना होगा।

इस बार सरकार ने बेरोजगार युवाओं को परीक्षा से जुड़ी सुविधा बढ़ाते हुए भर्ती परीक्षा शुरू होने से दो दिन पहले और समाप्त होने के दो दिन बाद तक बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा दी है। इसका मतलब है कि जिन उम्मीदवारों की परीक्षा 19 सितंबर को है, वे 17 सितंबर से ही फ्री सफर का फायदा उठा सकते हैं।

चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा इस बार बहुत बड़े स्तर पर आयोजित हो रही है। प्रदेशभर में कुल 53 हजार 749 पदों के लिए यह परीक्षा कराई जा रही है। इन पदों के लिए 24 लाख 75 हजार से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। परीक्षा 19 से 23 सितंबर तक छह पारियों में होगी।

राजस्थान के 38 जिलों में 1300 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इनमें सबसे ज्यादा परीक्षा केंद्र जयपुर जिले में हैं। जयपुर में अकेले 200 केंद्र बनाए गए हैं, जहां 4 लाख 50 हजार से अधिक उम्मीदवार परीक्षा देंगे। इतनी बड़ी संख्या में परीक्षार्थियों को देखते हुए सुरक्षा और प्रबंधन के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।

चयन बोर्ड का मानना है कि पेपर के तुरंत बाद डिस्कशन और एनालिसिस से उम्मीदवारों पर मानसिक दबाव पड़ता है। कई बार यह भ्रम भी फैलता है कि पेपर लीक हुआ है या किसी तरह से जानकारी बाहर आई है। ऐसे में परीक्षा की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर असर पड़ता है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

अब परीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए न केवल कड़े सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं, बल्कि इस तरह के नए नियम भी लागू किए जा रहे हैं। भर्ती परीक्षा में लाखों युवा हिस्सा ले रहे हैं, ऐसे में उनकी मेहनत और निष्पक्ष प्रतियोगिता सुनिश्चित करना सरकार और चयन बोर्ड की प्राथमिकता है।

राजस्थान में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भर्ती परीक्षा राज्य की सबसे बड़ी परीक्षाओं में से एक मानी जा रही है। 24 लाख से अधिक उम्मीदवारों की भागीदारी और हजारों पदों की भर्ती इसे और भी महत्वपूर्ण बना देती है। परीक्षा की पारदर्शिता और छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिए गए नए फैसले भविष्य में भी भर्ती परीक्षाओं के संचालन को अधिक निष्पक्ष और सुव्यवस्थित बनाएंगे।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button