महतारी वंदन योजना जरूरतमंद महिलाओं की संजीवनी बनी

महासमुंद

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना की क्रियान्वयन का दायित्व महिला एवं बाल विकास विभाग को दिया गया है। महतारी वंदन योजना का लाभ लेती गरीब और जरूरतमंद महिलाओं की सशक्तिकरण की अनुपम मिशाल है। ये कहानी है जिला महासमुंद के एकीकृत बाल विकास परियोजना महासमुंद शहरी के वार्ड नम्बर 4 ईदगाह भाठा शारदा मंदिर के पीछे देवारों की बस्ती में एक छोटा सा घर नंदनी टांडी का है। वे यहां अपने दो बच्चों के साथ रहती है।

बड़े ही आत्मविश्वास के साथ अपनी हालत के बारे में बया करते नंदनी भावुक हो जाती है। पति से अलग होने के बाद दो बच्चों की जिम्मेदारी पूरी तरह उनके कंधो पर आ गई। कचरा बीनकर जो कुछ मिलता उसे बच्चों की देखभाल और जीवन यापन के लिए खर्च करती थी। बमुश्किल से प्रतिदिन 100-150 रुपए तक ही कमा पाती थी। वे कहती है कि अकेले रहने का दर्द मैं बखूबी झेलती रही हूं। एक तो आर्थिक समस्या दूसरी ओर बच्चों का लालन-पालन की जिम्मेदारी कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करना पड़ रहा था। बड़े उत्साह के साथ बताती है कि जब से महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक श्रीमती शीला प्रधान ने महतारी वंदन योजना के बारे में बताया और कार्यकर्ता दीदी लल्ली आर्य के द्वारा सभी जरूरी कागजात के साथ मेरा फार्म भरा गया और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय हम महिलाओं को खाते में हर महीने एक हजार रुपए दे रहे हैं वे कहती है कि सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना के अंतर्गत एक हजार रुपए दिया जाना हम महिलाओं के लिए नया सहारा बना है।

नंदनी के पास पैसे की हमेशा तंगी रहती थी, किंतु विगत आठ महीने से उनका बटुआ भरा रहता है। उन्होंने बताया कि मुझे बकरी पालने का शौक है। अभी मेरे पास एक बकरी है महतारी वंदन के पैसे से मैं जल्दी ही दूसरी बकरी खरीदूंगी। मेरी बेटी भी 9वीं कक्षा में पढ़ रही है। उसे भी आगे पढ़ाऊंगी। नंदनी कहती है कि मुझे हर महीना अपने मोबाईल पर घंटी बजने का इंतजार रहता है और अब हर महीने के शुरुआत में ही राशि मिल जाने से बटुआ खाली रहने की नौबत नहीं आई। जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button