महाराष्ट्र: पीएम मुद्रा योजना में ठगी, पुलिस ने शुरू की जांच

मुंबई
मुंबई के मालाड इलाके से साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। तीन साइबर ठगों ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन दिलाने के नाम पर एक स्थानीय व्यवसायी से करीब 33 लाख रुपए की ठगी की।
मुंबई पुलिस के नॉर्थ रीजनल डिवीजन के साइबर सेल ने इस मामले में नितिन कुमार, अश्विन कुमार और दयाशंकर मिश्रा नाम के आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मुंबई पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता मालाड में इमिटेशन ज्वेलरी पैकेजिंग का कारोबार करते हैं और अपने व्यापार को विस्तार देने के लिए 10 लाख रुपए का लोन चाहते थे। जून 2025 में उन्होंने एक मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए ऋण के लिए आवेदन किया। कुछ दिनों बाद उन्हें नितिन कुमार नामक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को मुंबई के बीकेसी स्थित प्रधानमंत्री मुद्रा योजना कार्यालय का कर्मचारी बताया। नितिन ने दावा किया कि 10 रुपए लाख का ऋण मंजूर हो गया है और आवेदन के साथ उनके व्यक्तिगत दस्तावेज मांगे। उसने व्हाट्सऐप पर एक ‘एप्रूवल लेटर’ भी भेजा।
इसके बाद नितिन ने प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क के नाम पर रकम की मांग शुरू कर दी। इसी दौरान अश्विन कुमार नामक एक अन्य व्यक्ति ने शिकायतकर्ता को फोन किया और खुद को स्टेट बैंक का कर्मचारी बताया। उसने अपना पहचान पत्र व्हाट्सऐप पर भेजकर विश्वास जीतने की कोशिश की। विभिन्न बहानों से अश्विन ने तुरंत भुगतान करने का दबाव बनाया और शिकायतकर्ता ने कई बैंक खातों में 9,53,177 रुपए ट्रांसफर कर दिए। रकम का इंतजाम करने के लिए शिकायतकर्ता ने अपने दोस्तों से भी उधार लिया, जिन्होंने सीधे आरोपियों के खातों में 46,251 रुपए भेजे।
इसके बावजूद शिकायतकर्ता के खाते में कोई ऋण राशि नहीं आई। बाद में उन्होंने उन खातों में से एक के मालिक से संपर्क किया, जिसने खुद को एक वित्त कंपनी का दयाशंकर मिश्रा बताया। दयाशंकर ने भी लोन दिलाने का झांसा देकर प्रोसेसिंग और अन्य शुल्क के नाम पर 18,73,700 रुपए वसूल लिए, लेकिन कोई ऋण नहीं दिया।
धोखाधड़ी का एहसास होने पर पीड़ित ने स्थानीय पुलिस और नॉर्थ रीजनल साइबर सेल से संपर्क किया। पुलिस अब उन बैंक खातों की जांच कर रही है, जिनमें ठगी की गई रकम जमा की गई थी। मुंबई पुलिस ने कहा कि आगे की जांच जारी है और आरोपियों को पकड़ने के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं।