मध्यप्रदेश के उत्पादों की धूम-लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना मध्यप्रदेश मंडप

भोपाल
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला प्रगति मैदान दिल्ली में मध्यप्रदेश मण्डप में शासकीय विभागों/निगम मण्डलों, स्वसहायता समूहों तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम इकाईयों, स्टार्टअप तथा हस्तशिल्पियों द्वारा भाग लिया गया है। मण्डप में डिण्डोरी के गोंड आर्ट, छपरपूर के टेराकोटा एवं बैतूल के बेलमेटल शिल्प का सजीव प्रदर्शन किया जा रहा है। इस सजीव प्रदर्शन में दर्शक काफी रूचि ले रहे हैं। इस वर्ष भी यह मण्डप लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ हैं। इस मण्डप में ही उन्हे मध्यप्रदेश के पर्यटन का आनन्द जैसा भी हो रहा है।

मंडप में मध्यप्रदेश के जी.आई. उत्पादों को गैलरी में आकर्षक रूप से प्रदर्शित किया गया है। जिनमें से कई उत्पादों के विक्रय स्टॉल भी लगाये गये हैं। दर्शक रतलाम के नमकीन, मुरैना की गजक, बाग प्रिन्ट एवं उज्जैन के बटिक प्रिन्ट के व़स्त्र, चन्देरी एवं महेश्वरी साड़ियां की खरीद कर लूत्फ उठा रहे हैं।

इस वर्ष मेले का यह 43वॉं संस्करण है। इस मेले में विभिन्न राज्य, केन्द्र शासित प्रदेश, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के अलावा विभिन्न राष्ट्रों द्वारा भाग लिया जाता है। आम नागरिकों के लाभ के लिए राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा कल्याणकारी योजनाओं, नीतियों एवं उपलब्धियों को प्रदर्शित करने तथा व्यापार, उद्योग एवं सेवाओं को बढावा देने का यह मेला एक मंच है। मेले से स्वदेशी वस्तुओं के निर्यात, अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन, निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे अर्थव्यवस्था और अधिक विकसित होगी। इससे हमारा देश वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र का दर्जा हासिल कर लेगा।

मध्यप्रदेश मण्डप में मेले की थीम के अनुरूप प्राचीन सांस्कृतिक एवं कलात्मक धरोहर के साथ तेजी से बढते एवं विकसित होते मध्यप्रदेश के स्वरूप को प्रदर्शित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की घोषणा के अनुरूप एक जनवरी 2025 से प्रारम्भ होने वाले विकास के चार मिशन-युवा शक्ति, नारी शक्ति, गरीब कल्याण एवं किसान कल्याण को दर्शाया गया है।

मेले में लोग म.प्र. के विभिन्न जी.आई. उत्पादों एवं अन्य उत्पादों की खुल कर खरीदी कर रहे हैं। प्रदेश की एमएसएमई इकाईयां/स्वसहायता समूह, शिल्पी तथा कारीगर मेले में भाग लेकर संतुष्ट है। म.प्र. मण्डप में विभिन्न स्टाल एवं उत्पाद लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने हुये हैं। आज दक्षिणा स्व-सहायता समूह के स्टॉल पर पारम्परिक वेशभूषा में समूह के महिला सदस्य उपस्थित थे।

 

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