द इनसाइडर्स: डेढ़ लाख की साड़ी पहनती हैं डॉक्टर साहिबा, दोस्तों को गांजे और मुजरे का लुत्फ दिलवा रहे कलेक्टर साहब

द इनसाइडर्स आपके लिए लाया है सत्ता के गलियारों की वो चटपटी खबरें जो बताएंगी इसके किरदारों के असल चेहरे...

कुलदीप सिंगोरिया (9926510865).

सत्ता और चापलूसी का चोली-दामन का साथ है। द इनसाइडर्स में इस बार जानिए कि कैसे चापलूसी को हथियार बना एक अफसर ने प्रमुख सचिव को खुश कर फिर से मलाईदार पोस्ट हासिल कर ली। अब बात निकल गई है तो सत्ता के साथ सुंदरी का सुखद संयोग भी बताते चलते हैं। गौर फरमाए, एक विधायक के साथ गलबहियां कर रही एक डॉक्टर साहिबा की हसरतें चांद पर पहुंच रही हैं। सत्ता के साथ तीसरी अनिवार्य चीज सुरा है। यहां सुरा तो नहीं, पर उससे भी बड़ी चीज गांजा और मुजरा है। एक कलेक्टर साहब ने अपने दोस्तों को दोनों चीजें मुहैया कराकर अपनी शानदार मेहमान नवाजी से प्रदेश का मान बढ़ा दिया। पढ़िए इन किस्सों को और लीजिए चटखारे…

कलेक्टर साहब की खातिरदारी का लुत्फ न लिया तो अधूरी है जिंदगी
मालवा-निमाड़ के एक जिले के कलेक्टर साहब की पार्टियों की चर्चा मंत्रालय तक हो रही है। साहब को अपनी मेहमाननवाजी का इतना शौक है कि कानून तोड़ने से भी नहीं चूकते हैं। अपने दोस्तों के लिए जान भी हाजिर कर देने वाली बात करने वाले साहब का हाल ही का एक किस्सा है। उत्तर प्रदेश से उनके कुछ दोस्त आए थे। पहले पार्टी हुई और फिर कुछ के कदम बहके तो उन्होंने साहब से मुजरा दिखवाने की जिद कर दी। साहब ने तुरंत ही अपने अधिनस्थों से गाड़ी का इंतजार करवाकर दोस्तों को बुरहानपुर भेज दिया। कलेक्टर ऑफिस के इनसाइडर्स ने बताया कि पार्टी में रतलाम से स्पेशल गांजा भी लाया गया था।

नई गाड़ी के शौकीन पीएस के चक्कर में अफसर की लॉटरी लगी
एक प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को नई गाड़ियों का शौक है। लिहाजा, उनके लिए इनोवा क्रिस्टा हाइब्रिड का टॉप मॉडल खरीदा गया। जैसे ही गाड़ी आई तो साहब ने लॉन्ग ड्राइव पर जाने का इरादा जता दिया। लेकिन दिक्कत यह थी कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं आया था। उन्होंने तुरंत ही एक अफसर को फोन लगाया। उस अफसर ने साहब की कमजोरी भांप महज आधा घंटे में रजिस्ट्रेशन नंबर ला दिया। साहब उस अफसर से इतना खुश हुए कि उसे एक शहरी निकाय में अपर आयुक्त की पोस्टिंग दे दी। यह भी तब जबकि, अफसर के भ्रष्टाचार के किस्से सार्वजनिक थे। हालांकि, अफसर ने पीएस साहब का मान रखते हुए कथित तौर पर भेंट राशि देने का फर्ज निभाया।

सीएमएचओ को डेढ़ लाख की साड़ियां कौन गिफ्ट कर रहा?
विधायक की मेहरबानी से राजधानी से 150 किमी दूरी के एक जिले में सीएमएचओ बनी डॉक्टर साहिबा के जलवे के चर्चे हर ओर है। खबरचियों ने द इनसाइडर्स को बताया कि डॉक्टर साहिबा डेढ़-डेढ़ लाख रुपए तक की कीमत वाली साड़ियां पहनती है। यही नहीं, उन्हें हर वो सामान पसंद है जो कि महंगा है। डॉक्टर साहिबा का फोकस स्वास्थ्य सुविधाओं की बजाए वसूली पर रहता है। यही वजह है कि स्थानीय विधायक उनके विरोध में है। लेकिन राजधानी के एक विधायक से दोस्ती की वजह से सीएमएचओ पर आंच तक नहीं आ पा रही है। इन गलबिहयों के बारे में द इनसाइडर्स ने आपको पिछले अंक में भी बताया था।

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रिटायरमेंट के एक महीने बाद भी अफसर के घर लग रही भीड़, इसमें कई आईएएस भी शामिल
शहरों से संबंधित विभाग में काम करने वाले एक अफसर का जलवा रिटायरमेंट के बाद भी कायम है। एम्स के पास साहब का निजी बंगला है। वहां रोजाना लोगों को मजमा लगता है। द इनसाइडर्स ने इसकी खोज की तो पता चला कि दो तरह की भीड़ है। पहली वाली भीड़ मास्टर प्लान में बगैर प्लानिंग वाली खाली जमीन पर डेवलपमेंट से संबंधित है। साहब ने रिटायरमेंट से परमिशन के एवज में पहले 10 लाख रुपए प्रति एकड़ तक वसूले थे। लेकिन सरकार की वक्र दृष्टि पड़ गई तो रोक लग गई। अब यह लोग अफसर से अपना पैसा वापस मांग रहे हैं। दूसरी वाली भीड़ में कई आईएएस, आईपीएस जैसे अफसर भी शामिल हैं। रिटायर अफसर उन्हें टाइगर मूवमेंट वाले क्षेत्र में जमीन खरीदने की उपयोगी सलाह दे रहा है। और फिर वह यह भी बताता है कि कलियासोत से केरवा डेम के बीच जंगल के बीच सस्ते में जमीन कैसे मिल सकती है? अफसर जिस जमीन की मार्केटिंग कर रहा है उसमें उसके साथ राजधानी के एक बड़े बिल्डर और पेंट डीलर भी शामिल है। इस कॉलोनी में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों को खास डिस्काउंट दिया जा रहा है।

छवि सुधारने कप्तान साहब गिना रहे उपलब्धियां
कप्तान साहब को कानून व्यवस्था पर सरकार से फटकार लगी तो वे बैचेन हो गए। उन्होंने गिरती साख को चमकाने के और अपनी पोस्टिंग बचाने के लिए अब सबको अपनी उपलब्धियां बताने का दृण निश्चय किया है। लिहाजा, काम की बजाय उनका फोकस सिर्फ अपनी ब्रान्डिंग पर है। इसके चलते पद की गरिमा भी तार-तार हो रही है। हमारी तो यही सलाह है कि काम करेंगे तो छवि अपने आप निखर जाएगी। दिखावा करेंगे तो बेनकाब हो जाएंगे।

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