लद्दाख में खामोशी और अलर्ट: सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद जवानों का पहरा बढ़ा

लद्दाख 
लद्दाख में हिंसा के बाद लगातार चौथे दिन भी कर्फ्यू जारी है। चारों ओर सन्नाटा पसरा है और सुरक्षाबल चप्पे-चप्पे पर नजर रख रहे हैं। पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिरासत में लिए जाने के बाद गश्त और जांच तेज कर दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सोनम वांगचुक को गिरफ्तारी के बाद राजस्थान की जोधपुर जेल में भेज दिया गया है।

शुक्रवार देर रात जारी एक बयान में उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन ने वांगचुक की हिरासत को उचित ठहराया और कहा कि नेपाल आंदोलन व अरब स्प्रिंग के संदर्भ वाले उनके कथित भड़काऊ भाषणों के परिणामस्वरूप बुधवार को हिंसा हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

बयान में कहा गया है कि शांतिप्रिय शहर लेह में "सामान्य स्थिति बहाल करने" के लिए वांगचुक की हिरासत जरूरी है। एक अधिकारी ने कहा, ‘पिछले 24 घंटे में लद्दाख में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबंध लगाए गए हैं।’ उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता जल्द ही राजभवन में एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे और कर्फ्यू में ढील देने का कोई भी निर्णय उसी के अनुसार लिया जाएगा।

अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने गश्त और जांच तेज कर दी है। साथ ही फरार दंगाइयों को पकड़ने के लिए छापेमारी भी जारी है। अधिकारी ने कहा कि फरार दंगाइयों में एक पार्षद भी शामिल है, जिसने कथित तौर पर हिंसा भड़काई थी।

झड़पों के बाद 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि करगिल समेत केंद्र शासित प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में भी पांच या उससे ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (डीआईपीआर), लद्दाख ने शुक्रवार देर रात एक बयान में कहा, ‘‘बार-बार यह देखा गया है कि वांगचुक राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं और उनकी गतिविधियां शांति एवं सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए हानिकारक हैं।’’

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