द इनसाइडर्स एक्सप्लेनर: नए पदोन्नति नियम में सबसे जरूरी X और Y को ऐसे करें डिकोड, आसान भाषा में समझिए प्रमोशन की पूरी एबीसीडी

नए पदोन्नति नियम में डेपुटेशन वाले कर्मचारियों का प्रमोशन खतरे में। निगम-मंडल में प्रमोशन के लिए अलग से जारी हो सकता है सर्कुलर

  • नए नियमों की वजह से क+ व क एसीआर बहुत जरूरी। इससे कम एससीआर रही तो सीनियर पदों पर प्रमोशन में आएगी दिक्क्त
  • कारण बताओ नोटिस की वजह से प्रमोशन का लिफाफा बंद नहीं होगा। यानी सीनियर अधिकारी प्रमोशन में अड़ंगा लगाने के लिए SCN का दुरुपयोग नहीं कर सकेंगे।

कुलदीप सिंगोरिया@9926510865
भोपाल | 
बचपन में जब आप कक्षा 6 में पढ़ रहे होंगे तब बीजगणित में X और Y का मान काफी परेशान करता होगा। तब तो आपने परीक्षा किसी तरह पास कर ली होगी, लेकिन नौकरी में एक बार फिर यही X और Y का मान आपके प्रमोशन में बाधा बन सकता है। आपकी इस दिक्कत को समझते हुए द इनसाइडर्स ने मध्यप्रदेश लोक सेवा पदोन्नति नियम 2025 को डिकोड किया बिल्कुल आसान भाषा में। यही नहीं, इस नियम के कई ऐसे पहलु हैं जो कि अब छुपे हुए थे, सवाल-जवाब की भाषा में इन्हें भी आप अब समझ सकते हैं।

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नए नियमों के बारे में सामान्य सवाल

  1. मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2025 क्या हैं?
    ये मध्यप्रदेश सरकार के नए नियम हैं, जो सरकारी कर्मचारियों की पदोन्नति की प्रक्रिया के बारे में बताते हैं। ये 19 जून 2025 को मध्यप्रदेश राजपत्र में प्रकाशित हुए और तुरंत लागू हो गए। ये नियम संविधान के अनुच्छेद 16(4A), 335 और 309 पर आधारित हैं और सुप्रीम कोर्ट के M. Nagaraj मामले (2006) के दिशानिर्देशों का पालन करते हैं।
  2. इन नियमों की जरूरत क्यों पड़ी?
    2016 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश लोक सेवा (पदोन्नति) नियम, 2002 को असंवैधानिक घोषित किया, क्योंकि सरकार SC/ST के कम प्रतिनिधित्व और प्रशासनिक दक्षता का डेटा प्रस्तुत नहीं कर पाई। सुप्रीम कोर्ट में मामला (SLP 13954/2016) लंबित है, और 12 मई 2016 को यथास्थिति का आदेश जारी हुआ। इससे 9 साल तक पदोन्नतियाँ रुकीं, और 75,000 कर्मचारी बिना पदोन्नति के रिटायर हुए, जिनमें से 38,000 को पदोन्नति मिलनी थी। नए नियम इस रुकावट को खत्म करते हैं और सभी वर्गों (SC, ST, सामान्य और चतुर्थ श्रेणी) को निष्पक्ष मौका प्रदान करते हैं।
  3. इन नियमों से किसे फायदा होगा?
    • SC/ST कर्मचारी: 36% कोटा (20% ST, 16% SC) और ACR में अतिरिक्त 1 अंक की छूट।
    • सामान्य वर्ग: योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर निष्पक्ष मौका।
    • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी: बिना न्यूनतम अंक के आसान पदोन्नति।
    • सभी कर्मचारी: 9 साल की रुकावट खत्म होने से करियर में नई शुरुआत।
    • प्रशासन: 2 लाख रिक्त पदों पर भर्तियाँ, जिससे कार्यकुशलता बढ़ेगी।
  4. क्या ये नियम स्थायी हैं?
    हाँ, ये नियम स्थायी हैं, लेकिन X और Y फैक्टर का मान हर 5 साल (2024-2028 के बाद) पुनः आकलन होगा। यदि सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला (SLP 13954/2016) नियमों के खिलाफ आता है, तो संशोधन संभव है।

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आरक्षण और X व Y फैक्टर के सवाल

  1. नए नियमों में आरक्षण की व्यवस्था क्या है?
    अनुसूचित जनजाति (ST): संवर्ग के कुल पदों का 20% आरक्षित।
    अनुसूचित जाति (SC): 16% पद आरक्षित।
    अनारक्षित पद: शेष पदों पर सामान्य वर्ग और अन्य कर्मचारियों को योग्यता और वरिष्ठता के आधार पर मौका।
    गणना का तरीका: पहले से भरे SC/ST पदों को घटाकर शेष रिक्तियों पर आरक्षण लागू होगा। इसके लिए नियम में X और Y दो फैक्टर शामिल हैं, जहां X, SC और Y, ST के लिए है।
  2. X और Y फैक्टर क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं?
    सरकार का दावा है कि ये फैक्टर इसलिए रखे गए हैं ताकि सभी वर्गों की पदोन्नति में तय प्रतिशत के अनुसार पदों का बंटवारा हो सके। यदि पहले से भरे SC/ST पद अधिक हैं, तो X और Y के मान को कम करके संतुलन बनाया जा सकता है। वहीं, यदि अनारक्षित वर्ग की संख्या अधिक है, तो X और Y के मान को 1 रखा जाएगा। X और Y का मान 0 से 1 के बीच होता है, जो प्रशासनिक दक्षता और SC/ST प्रतिनिधित्व पर आधारित है, लेकिन सामान्यतः 1 माना जाता है। इसे कम करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति की मंजूरी जरूरी है, जो जटिल प्रक्रिया है। सपाक्स का भी यही आरोप है कि मान कम करने की जटिल प्रकिया से विभाग बचेंगे। इससे अनारक्षित वर्ग को नुकसान होगा। जबकि अजाक्स का दावा है कि मान को एक से ज्यादा नहीं किया जा सकता है। इससे जहां अनारक्षित वर्ग का प्रतिशत ज्यादा है, वहां एससी व एसटी वर्ग को नुकसान होगा।
  3. X और Y की गणना कैसे की जाती है?
    पदोन्नति के कुल पदों में एससी का 16 प्रतिशत और X के मान से गुणा किया जाता है। इसका टोटल एससी के पद होते हैं। इसी तरह एसटी के लिए कुल पद का गुणा 20 प्रतिशत और Y के मान से किया जाता है। जिसके टोटल से एसटी के पद निकल जाते हैं। बाकी पद अनारक्षित वर्ग के हो जाते हैं।
  4. X और Y का मान कौन तय करता है?
    इसके लिए एक समिति गठित की गई है, जिसके अध्यक्ष विभाग का भारसाधक सचिव होंगे। सदस्यों में विभागाध्यक्ष, सामान्य प्रशासन विभाग का उप सचिव, और SC/ST का एक-एक लोक सेवक (अन्य में SC/ST न हों तो) शामिल हैं। समिति X और Y का मान, जो सामान्यतः 1 होता है, तय करेगी। इसे कम करने के लिए मुख्य सचिव की समिति से मंजूरी लेनी होगी। यह मान 5 साल (2024-2028) के लिए लागू रहेगा, फिर पुनर्मूल्यांकन होगा। उदाहरण: शिक्षा विभाग में ST 25% हैं; समिति Y = 0.5 तय कर सकती है, लेकिन Y = 1 होने से सामान्य वर्ग को नुकसान होगा, जिसका सपाक्स विरोध कर रही है।
  5. X और Y क्यों महत्वपूर्ण हैं?
    2002 के नियमों में निश्चित 36% आरक्षण था, जिससे सामान्य वर्ग को नुकसान हुआ था। X और Y प्रशासनिक दक्षता और सामाजिक न्याय में संतुलन बनाते हैं। उदाहरण: स्वास्थ्य विभाग में SC/ST प्रतिनिधित्व अधिक है; X = 0.8, Y = 0.6 से अनारक्षित पद बढ़ते हैं, लेकिन मान 1 होने से दिक्कत हो सकती है।
  6. X और Y से क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं? और इसकी विसंगति क्या है?
    • जटिलता: X और Y तय करने के लिए संवर्ग में SC/ST के सटीक डेटा की जरूरत है, जो कई विभागों के पास नहीं है।
    • विवाद: X और Y को बार-बार 1 से कम करने पर कर्मचारी संगठन इसे पक्षपातपूर्ण मान सकते हैं।
    • पारदर्शिता: कर्मचारियों को X और Y की प्रक्रिया समझने में दिक्कत हो सकती है; उदाहरण: बिना डेटा के Y = 0.3 तय करने पर ST कर्मचारी इसे अनुचित मान सकते हैं।
    • विसंगति: अनारक्षित वर्ग अधिक होने पर X और Y को 1 से बढ़ाने का प्रावधान नहीं, और जिससे आरक्षित वर्ग के मौके कम हो सकते हैं। हालांकि, ऐसा करके सरकार ने यह तय कर दिया है कि किसी भी स्थिति में यह 36 प्रतिशत से कम नहीं होंगे।

पदोन्नति और गोपनीय प्रतिवेदन (ACR) के सवाल

  1. पदोन्नति का आधार क्या है?
    प्रथम श्रेणी से प्रथम श्रेणी के उच्च वेतनमान: योग्यता-सह-वरिष्ठता। कर्मचारी की ACR के आधार पर योग्यता तय होगी। यदि बराबरी हो, तो ग्रेडेशन में वरिष्ठता देखी जाएगी।
    प्रथम श्रेणी से उच्च वेतनमान के लिए कर्मचारियों को दो हिस्सों में बांटा जाएगा:

    • श्रेणी 1: 20 अंक (उच्च योग्यता, प्राथमिकता)।
    • श्रेणी 2: 15-19 अंक।
      अन्य पद (द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ श्रेणी): वरिष्ठता-सह-उपयुक्तता। द्वितीय से प्रथम श्रेणी के लिए 13 अंक, द्वितीय से द्वितीय/तृतीय से द्वितीय के लिए 12 अंक, चतुर्थ श्रेणी के लिए कोई न्यूनतम अंक नहीं, सिर्फ उपयुक्तता।
      उदाहरण: प्रथम श्रेणी में कर्मचारी A (20 अंक, 10 साल वरिष्ठता) को B (18 अंक, 12 साल वरिष्ठता) पर प्राथमिकता मिलेगी। द्वितीय से प्रथम के लिए A को 13 अंक और वरिष्ठता चाहिए, जबकि चतुर्थ श्रेणी में C की उपयुक्तता (जैसे नियमित उपस्थिति) जांची जाएगी।
  2. गोपनीय प्रतिवेदन (ACR) क्या है और इसका मूल्यांकन कैसे होता है?
    ACR क्या है?: यह कर्मचारी के वार्षिक प्रदर्शन का मूल्यांकन है, जो उसके काम, व्यवहार और दक्षता को मापता है।
    मूल्यांकन प्रक्रिया: पिछले 5 साल के ACR। यदि 2 साल के ACR उपलब्ध न हों, तो 7 साल तक देखे जाएंगे। कम से कम 1 साल का ACR अनिवार्य, और 6 महीने का ACR पूरे साल के लिए मान्य होगा।
    अंक प्रणाली: ACR में मूल्यांकनकर्ता क+, क, ख, ग, घ लिखकर मूल्यांकन करेगा:

    • क+ – उत्तम: 4 अंक
    • क – बहुत अच्छा: 3 अंक
    • ख – अच्छा: 2 अंक
    • ग – औसत: 1 अंक
    • घ – खराब: 0 अंक
      न्यूनतम अंक: प्रथम श्रेणी 15, द्वितीय से प्रथम 13, द्वितीय से द्वितीय 12, तृतीय से द्वितीय 12, तृतीय से तृतीय 12, चतुर्थ श्रेणी में कोई अंक नहीं।
      छूट: मानक अंकों में कमी पर 1 अंक की छूट, SC/ST कर्मचारियों के लिए अतिरिक्त 1 अंक की छूट।
      उदाहरण 1 (प्रथम श्रेणी): कर्मचारी A के 5 साल के ACR: उत्तम (4), बहुत अच्छा (3), अच्छा (2), उत्तम (4), बहुत अच्छा (3) = 16 अंक (15 जरूरी)। 14 अंक पर भी 1 अंक छूट से पात्र।
      उदाहरण 2 (SC कर्मचारी): कर्मचारी B (SC) के ACR: अच्छा (2), बहुत अच्छा (3), अच्छा (2), औसत (1), बहुत अच्छा (3) = 11 अंक। सामान्य छूट (1) + SC छूट (1) = 13, द्वितीय श्रेणी के लिए पात्र (12 जरूरी)।
      उदाहरण 3 (अनुपलब्ध ACR): कर्मचारी C के 3 साल के ACR: उत्तम (4), बहुत अच्छा (3), उत्तम (4) = 11 अंक। 2 साल पुराने (2019-20, 2018-19) ACR देखे जाएंगे, अन्यथा अगली DPC में मौका।
  3. ACR के विशेष प्रावधान क्या हैं?
    यदि ACR उपलब्ध नहीं, तो कर्मचारी को अगली DPC में मौका मिलेगा, वरिष्ठता प्रभावित नहीं होगी। No Report Certificate (NRC) वाले ACR को मूल्यांकन में नहीं गिना जाएगा। 6 महीने से कम का ACR, यदि NRC हो, तो मान्य होगा। एक साल में एक से अधिक ACR होने पर भारित औसत लिया जाएगा।
    उदाहरण: कर्मचारी D के 2024 में 6 महीने का ACR उत्तम (4) और 6 महीने का बहुत अच्छा (3) = औसत (4+3)/2 = 3.5 अंक।
    श्रेणी उन्नयन का लाभ केवल अगली DPC में मिलेगा। उदाहरण: कर्मचारी E का 2023 का ACR अच्छा (2) था, उन्नयन के बाद बहुत अच्छा (3) हुआ, जो 2025 की DPC में गिना जाएगा।
  4. ACR से क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं?
    • अनुपलब्धता: पुराने ACR के अभाव में कर्मचारियों को अगली DPC तक इंतजार करना पड़ सकता है।
    • देरी: कई विभागों में ACR समय पर अपडेट नहीं होते, जिससे प्रक्रिया में विलंब हो सकता है। पक्षपात की भी आशंका रहेगी।

विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) और अन्य प्रक्रियाएँ

  1. विभागीय पदोन्नति समिति (DPC) क्या है और इसका काम क्या है?
    DPC कर्मचारियों की योग्यता, वरिष्ठता और उपयुक्तता की जाँच करती है और पदोन्नति की अनुशंसा करती है।
    बैठक: हर साल सितंबर-नवंबर में, रिक्तियों की गणना 31 दिसंबर तक।
    विचारण सूची: रिक्तियों का दोगुना + 4 कर्मचारी। उदाहरण: 10 रिक्तियों के लिए 10 × 2 + 4 = 24 कर्मचारी।
    प्रतीक्षा सूची: प्रत्येक वर्ग (SC, ST, अनारक्षित) के लिए 2 कर्मचारी या चयन सूची के 10% (जो अधिक हो)।
  2. प्रतीक्षा सूची कैसे काम करती है?
    यदि चयनित कर्मचारी कार्यभार ग्रहण नहीं करते या पद खाली होते हैं, तो प्रतीक्षा सूची से कर्मचारियों को मौका मिलेगा। आरक्षित रिक्तियाँ संबंधित वर्ग (SC/ST) से भरी जाएँगी। यदि कर्मचारी उपलब्ध न हों, तो अनारक्षित सूची से भरा जाएगा।
  3. कौन कर्मचारी पदोन्नति के लिए अपात्र होंगे?
    • अनुशासनात्मक कार्रवाई या सजा वाले कर्मचारी।
    • परिनिंदा: 1 साल तक अपात्र।
    • वेतन वसूली: वसूली पूरी होने के 1 साल बाद तक।
    • वेतन वृद्धि रोकना/अवनति: अगली वेतन वृद्धि तक।
    • निलंबन, आरोप-पत्र या आपराधिक अभियोजन: अनुशंसा सीलबंद लिफाफे में। दोषमुक्त होने पर पूर्ववत पदोन्नति लागू।
  4. पदोन्नति के बाद वेतन और कार्यभार की प्रक्रिया क्या है?
    वेतन: नए वेतनमान के अनुसार। कर्मचारी अगली वेतन वृद्धि की तारीख से वेतन चुन सकता है; उदाहरण: वेतन वृद्धि जुलाई 2025 में होने पर, पुराना वेतन जुलाई तक और नया वेतन बाद में ले सकता है।
    कार्यभार: 2 महीने में ग्रहण करना होगा, वरना 5 साल तक पदोन्नति नहीं। विशेष परिस्थितियों (जैसे गंभीर बीमारी) में छूट, स्वास्थ्य कारणों से 3 महीने की छूट संभव।
  5. क्या कर्मचारी पदोन्नति से इंकार कर सकता है?
    हाँ, 31 अगस्त तक इंकार कर सकता है, लेकिन समयमान वेतन (10/20/30 साल की सेवा के बाद अतिरिक्त वेतन) नहीं मिलेगा। उदाहरण: यदि किसी कर्मचारी को भोपाल में पदोन्नति मिलती है और वह ग्वालियर में रहना चाहता है, तो 31 अगस्त तक इंकार कर सकता है, पर समयमान वेतन खो देगा।
  6. क्या कोई विशेष प्रावधान हैं?
    पुनरीक्षण DPC: केवल न्यायालय के आदेश या रिकॉर्ड में स्पष्ट त्रुटि (जैसे गलत ACR गणना) पर।
    एकल पद: इन पर आरक्षण लागू नहीं।

नियमों में छूटी बातें

  1. इन नियमों में क्या-क्या छूट गया है?
    निगम-मंडल: ये नियम केवल राज्य सरकार के विभागों पर लागू हैं। निगम, मंडल और स्वायत्त संस्थाएँ इन्हें लागू कर सकती हैं, लेकिन भारसाधक सचिव का निर्धारण स्पष्ट नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग अलग से परिपत्र ला सकता है। इस बीच, राज्य निर्वाचन आयोग ने विभाग के प्रमुख सचिव को भारसाधक सचिव मानकर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू कर दी है।
    पिछले नुकसान का समाधान: 2016-2025 तक रुकी पदोन्नतियों से 75,000 रिटायर कर्मचारियों के नुकसान (जैसे पेंशन में कमी) की भरपाई का प्रावधान नहीं।
  2. डेपुटेशन पर गए कर्मचारियों का क्या होगा?
    नियमों में डेपुटेशन पर गए कर्मचारियों की पदोन्नति के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं। सामान्यतः, डेपुटेशन पर कर्मचारी अपनी मूल संस्था की DPC में विचार किए जाते हैं, लेकिन यह नियमों में स्पष्ट नहीं। सामान्य प्रशासन विभाग का कहना है कि IAS कैडर की तरह मूल विभाग में लौटने पर पदोन्नति दी जाएगी। इस पर कर्मचारियों का विरोध है, और 15,000 की संख्या को देखते हुए सरकार नया नियम बना सकती है।

पुराने नियमों (2002) से तुलना

  1. वर्ष 2002 और 2025 के नियमों में क्या अंतर हैं?

     

    पहलू 2002 के नियम 2025 के नियम
    आरक्षण SC: 16%, ST: 20%, बैकलॉग और कैरी-फॉरवर्ड रिक्तियाँ। SC: 16%, ST: 20%, X और Y से लचीलापन, बैकलॉग हटाए गए, रिक्तियाँ रिक्त रहेंगी।
    पदोन्नति का आधार वरिष्ठता-सह-उपयुक्तता और योग्यता-सह-वरिष्ठता, ACR अंकों का ढांचा अस्पष्ट। स्पष्ट: प्रथम श्रेणी (15 अंक), द्वितीय/तृतीय (12 अंक), चतुर्थ (कोई अंक नहीं), ACR ढांचा विस्तृत।
    DPC अनियमित बैठकें, रिक्तियों की गणना अस्पष्ट। सितंबर-नवंबर में बैठक, 31 दिसंबर तक रिक्तियाँ, 31 जुलाई 2025 तक पहली बैठक।
    ACR 5 साल के ACR, अनुपलब्धता पर अस्पष्ट। 5 साल (7 साल तक, यदि अनुपलब्ध), 6 महीने का ACR मान्य, अगली DPC में मौका।
    अपात्रता अनुशासनात्मक कार्रवाई पर अस्पष्ट। सजा और प्रभाव स्पष्ट (परिनिंदा: 1 साल, आदि), सीलबंद लिफाफा।
    प्रतीक्षा सूची अस्पष्ट। 2 कर्मचारी या 10%, आरक्षित रिक्तियाँ प्राथमिकता से।
    एकल पद अस्पष्ट। आरक्षण नहीं।
    X और Y फैक्टर नहीं था। आरक्षण में लचीलापन।
    डेपुटेशन अस्पष्ट। कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं।
  2. कर्मचारियों को क्या फायदा होगा?
    • SC/ST कर्मचारी: 36% कोटा और ACR में 2 अंक तक की छूट (1 सामान्य + 1 SC/ST)।
    • सामान्य वर्ग: योग्यता और वरिष्ठता से निष्पक्ष मौका, X और Y के सही निर्धारण से अतिरिक्त अवसर।
    • चतुर्थ श्रेणी: बिना अंक के आसान पदोन्नति।
  3. क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं?
    • सामान्य वर्ग की चिंता: X और Y के मान से उनके मौके कम हो सकते हैं।
    • प्रशासनिक देरी: ACR और जाँच में विलंब से 31 जुलाई 2025 की समय-सीमा टल सकती है।
    • पिछले नुकसान: 75,000 रिटायर कर्मचारियों की भरपाई नहीं होगी।
    • डेपुटेशन: अस्पष्टता से कर्मचारियों को दिक्कत।

सरकार का रोडमैप और सलाह

25. सरकार का रोडमैप क्या है?
31 जुलाई 2025 सभी विभागों को पहली DPC बैठक कर प्रक्रिया पूरी करनी है और पदोन्नति से खाली पदों पर भर्तियाँ करनी हैं।
प्रशासनिक दक्षता: X और Y से आरक्षण में संतुलन, ACR से पारदर्शिता। मुख्य सचिव अनुराग जैन ने ACR, पेंशन और अन्य मामलों को समय पर निपटाने का आदेश दिया।

  1. कर्मचारियों को क्या करना चाहिए?
    अपने 5-7 साल के ACR की स्थिति जाँचें। अनुपलब्ध होने पर विभाग से संपर्क करें। अनुशासनात्मक कार्रवाई से बचें। दस्तावेज (जैसे सेवा पुस्तिका) अपडेट रखें। डेपुटेशन पर हैं, तो मूल संस्था से प्रक्रिया स्पष्ट करें।

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