खास खबर: पांच बार के विधायक व मंत्री रहे कमल पटेल बने सांसद प्रतिनिधि, प्रोटोकाल पार्षद से भी नीचे

केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने कमल पटेल को हरदा जिले का सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया है।

कुलदीप सिंगोरिया | भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता कमल पटेल सांसद व केंद्रीय मंत्री दुर्गादास उइके के सांसद प्रतिनिधि होंगे। केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने अपने लेटर हेड पर जारी पत्र में पटेल को हरदा जिले का सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया है। यह प्रदेश के इतिहास में संभवत: पहला मौका होगा जबकि सीनियर नेता सांसद प्रतिनिधि की जिम्मेदारी संभालेंगे।
अभी तक जिले में पार्टी के पदाधिकारी या फिर सांसद के करीबी को सांसद प्रतिनिधि बनाया जाता रहा है। लेकिन उइके ने परंपरा से हटकर कमल पटेल जैसे वरिष्ठ नेता को सांसद प्रतिनिधि बनाया है। कमल पटेल को इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायक आरके दोगने से हार का सामना करना पड़ा था। पटेल पिछली सरकार में कृषि मंत्री थे। वे 5 बार विधायक रह चुके हैं। और दो बार कैबिनेट मंत्री व एक बार राज्यमंत्री रह चुके हैं। अब सांसद प्रतिनिधि के तौर पर नगर पालिका व नगर पंचायत में पार्षद से भी नीचे का प्रोटोकाल मिलेगा। इसी तरह, जनपद पंचायतों में सदस्य से भी नीचे का प्रोटोकाल होगा। भाजपा के जिला अध्यक्ष राजेश वर्मा का कहना है कि पटेल के सांसद प्रतिनिधि बनने की चर्चा काफी समय से चल रही थी। इससे पूर्व विधायक पटेल को सरकारी बैठकों में जाने का मौका मिल सकेगा। वरिष्ठ नेता को सांसद प्रतिनिधि बनना चाहिए या नहीं के सवाल पर वर्मा ने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है। हालांकि नियुक्ति पत्र की जानकारी वर्मा को नहीं है। वहीं, कांग्रेस विधायक आरके दोगने का कहना है कि पटेल से सत्ता की लालसा से नहीं छूट रही है। बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने वरिष्ठ नेता सांसद प्रतिनिधि होंगे। मेरा आरोप है कि उनकी मंशा सरकारी बैठकों में जाकर अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकाने आदि की है।

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हरदा पहला जिला जहां सिर्फ एक प्रतिनिधि
केंद्रीय मंत्री उइके के पत्र के अनुसार कमल पटेल को पूरे हरदा जिले का प्रतिनिधि बनाया गया है। जबकि इससे पहले हरदा में अलग-अलग सरकारी संस्थानों और क्षेत्र के लिए करीब एक दर्जन सांसद प्रतिनिधि नियुक्त थे। अब इनका काम क्या होगा, यह स्पष्ट नहीं किया गया है।

सांसद प्रतिनिधि की नियुक्ति पर हो रहा है विवाद
प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार द्वारा नियुक्त सांसद प्रतिनिधियों को स्थानीय नेता विरोध कर रहे हैं। पूर्व और मौजूदा विधायकों ने प्रतिनिधियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

संविधान में नहीं है सांसद प्रतिनिधि का प्रावधान

संविधान में सांसद प्रतिनिधि नियुक्त करने का कोई प्रावधान नहीं है। यानी कानून के हिसाब से इनकी नियुक्ति असंवैधानिक है। लेकिन परंपरा के तौर पर सांसद अपने किसी व्यक्ति को सरकारी बैठकों में भाग लेने के लिए नियुक्ति प्रतिनिधि के तौर पर करते हैं। यह प्रतिनिधि वहां सांसद की गैरमौजूदगी में सरकारी काम-काज में हस्तक्षेप करते हैं और सांसद की ओर से सुझाव देते हैं। जैसे कि नगर पालिका, जनपद पंचायत और जिला पंचायत आदि।

 

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