मंत्री पद छोड़ना चाहते हैं केरल के इकलौते BJP सांसद सुरेश, बताई ये वजह
नई दिल्ली
नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 के शपथ ग्रहण समारोह के अगले ही दिन एक सांसद ने मंत्री पद छोड़ने की इच्छा जताई है। उन्होंने कहा है कि वह सांसद के रूप में काम जारी रखना चाहते हैं और केंद्रीय जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहते हैं। ये मंत्री कोई और नहीं केरल से बीजपी के इकलौते सांसद सुरेश गोपी हैं, जिन्होंने रविवार को केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली थी, अब उन्होंने मंत्री पद को छोड़ने की इच्छा जताई है। रिपोर्ट के मुताबिक सुरेश गोपी ने मंत्री पद छोड़ने की इच्छा शपथ ग्रहण समारोह के बाद एक क्षेत्रीय चैनल से बातचीत के दौरान जताई।
सुरेश गोपी ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के जानेमाने एक्टर भी हैं। उन्होंने कहा कि मैंने कई फिल्में साइन की हैं और उन्हें पूरा करना है। ऐसे में वह केरल के त्रिशूर के सांसद के रूप में काम जारी रखना चाहते हैं और केंद्र की जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं। सुरेश गोपी ने कहा कि उन्होंने मंत्री पद नहीं मांगा है और उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही पद से मुक्त कर दिया जाएगा।
केरल में भाजपा के इकलौते सांसद
इस लोकसभा चुनाव में पहली बार भारतीय जनता पार्टी को केरल जैसे दक्षिण राज्य में सफलता मिली है। बीजेपी नेता सुरेश गोपी यहां की त्रिशूर लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए। वह केरल में भाजपा के पहले और इकलौते सांसद हैं। आम चुनाव में सुरेश गोपी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के वी एस सुनील कुमार को रोमांचक मुकाबले में हराया था। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, गोपी को 4,12,338 वोट मिले, जबकि कुमार को 3,37,652 मत मिले थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन 3,28,124 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
सांसद बनने से पहले दो बार हारे चुनाव
सुरेश गोपी 2024 के चुनाव में जीत से पहले दो बार चुनाव हार भी चुके हैं। इससे पहले सुरेश गोपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में त्रिशूर से चुनाव लड़ा, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। दो साल बाद 2021 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। लोकसभा के लिए चुने जाने से पहले, गोपी को 2016 में राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया था। उच्च सदन में उनका कार्यकाल 2022 तक रहा।