देश में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में कर्नाटक और गुजरात सबसे आगे : रिपोर्ट

कर्नाटक, गुजरात स्वच्छ ऊर्जा अपनाने में सबसे आगे: रिपोर्ट

देश में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में कर्नाटक और गुजरात सबसे आगे : रिपोर्ट

वोटरों को बूथ तक लाने के लिए भाजपा ने बनाई विशेष रणनीति

नई दिल्ली
देश में स्वच्छ ऊर्जा को अपनाने में कर्नाटक और गुजरात सबसे आगे हैं, जबकि झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को प्रयास बढ़ाने की जरूरत है।

शोध संगठन इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) और स्वच्छ ऊर्जा थिंक टैंक एम्बर की संयुक्त रिपोर्ट में मंगलवार को यह बात कही गई।

रिपोर्ट के लेखकों ने कहा कि कर्नाटक और गुजरात ने सभी आयामों में अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है। इन राज्यों ने अपने बिजली क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को प्रभावी ढंग से जोड़ा है, जिससे कार्बन उत्सर्जन कम करने में मजबूत प्रगति हुई है।

दूसरी ओर झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों को सुधार की जरूरत है।

यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में जारी हुई है जब भारत के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी की लहर चल रही है। इसके कारण बिजली मंत्रालय 260 गीगावाट की अनुमानित अधिकतम बिजली मांग की तैयारी कर रहा है।

भीषण गर्मी के मौसम में सौर ऊर्जा जैसी अधिक स्वच्छ ऊर्जा के लिए अनुकूल स्थितियां पैदा होती हैं।

आईईईएफए के निदेशक (दक्षिण एशिया) और रिपोर्ट में योगदान करने वाले लेखक विभूति गर्ग ने कहा कि चक्रीय मौसमी परिस्थितियों के साथ ही तेज आर्थिक गतिविधियों के कारण भारत में हर साल अधिकतम बिजली की मांग बढ़ रही है। केंद्र सरकार ग्रिड में अधिक नवीकरणीय ऊर्जा को जोड़ने के लिए कदम उठा रही है, हालांकि राज्यों को भी ऐसा करने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि अब राज्य स्तर पर कई मापदंडों की लगातार निगरानी करने की जरूरत है।

एम्बर के एशिया कार्यक्रम निदेशक और रिपोर्ट में योगदान करने वाले लेखक आदित्य लोला ने कहा कि कुछ राज्यों ने विकेंद्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा नियोजन को बढ़ावा देने, कृषि जरूरतों के लिए सौर पंपों को बढ़ावा देने और अपनी बिजली प्रणालियों में अधिक नवीकरणीय ऊर्जा जोड़ने के लिए भंडारण समाधान बढ़ाने जैसे प्रगतिशील कदम उठाए हैं।

 

वोटरों को बूथ तक लाने के लिए भाजपा ने बनाई विशेष रणनीति

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के बचे हुए छह चरणों में मतदाताओं को बूथ तक लाने के लिए भाजपा ने विशेष रणनीति तैयार कर ली है। पार्टी की कोशिश है कि अपने कार्यकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा उत्साहित कर मतदाताओं को वोटिंग वाले दिन मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि मतदान का प्रतिशत भी बढ़े और पार्टी की जीत का अंतर भी।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिन में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जनसभा को संबोधित करते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं से लोगों के घर-घर जाकर वोटरों से सीधा संपर्क स्थापित करने और मतदान के दिन टोलियां बनाकर उत्सव मनाते हुए पोलिंग बूथ पर जाने का आह्वान किया था।

उन्होंने देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को मतदाताओं को वोट करने के लिए प्रेरित करने की नसीहत देते हुए कहा था, "मेरा आपसे अनुरोध है कि आप घर-घर जाइए, सभी मतदाताओं के पास जाकर इन सारे विषयों के बारे में घर में बैठकर उन्हें बताइए और उनसे वादा लीजिए कि घर में शादी हो या छुट्टी हो लेकिन वे वोट करने जाएंगे। उनसे पक्का वादा लीजिए और और दूसरा काम, जब मतदान हो तो अपने पोलिंग बूथ पर उत्सव मनाइए। यह लोकतंत्र का उत्सव है, आनंद उत्सव होना चाहिए। छोटी-छोटी 15-20 लोगों की टोलियां बनाकर गीत गाते-गाते मतदान करने के लिए जाएं और हमारे गांव वाले तो तुरंत गीत बना भी लेते हैं। लोकतंत्र का जय-जयकार करते हुए जाए,उत्सव मनाएं और फिर मतदान कर वापस लौटें। तीसरा काम, हमें पोलिंग बूथ जीतना है। हमें एक भी पोलिंग बूथ हारना नहीं है। घर-घर जाना है। मतदाताओं को मिलकर सारी बातें बतानी है, सिर्फ दरवाजे पर पर्चा देकर नहीं आना है, बल्कि उनके घर में जाकर बैठना है, उनका पानी पीना है और उनसे 5-10 मिनट बात करनी है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद सोमवार को ही देर रात भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। जिस बैठक में नड्डा के अलावा केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल, विनोद तावड़े, तरुण चुग, अरुण सिंह और दुष्यंत गौतम सहित अन्य कई नेता शामिल हुए।

सूत्रों के मुताबिक,  देर रात तक चली बैठक में शाह और नड्डा ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देशभर में चलाए रहे चुनाव प्रचार अभियान, प्रथम चरण के तहत देश के 21 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की 102 लोकसभा सीटों पर हुए मतदान और पार्टी द्वारा चलाए जा रहे तमाम चुनावी अभियानों की समीक्षा की।

सूत्रों की मानें तो, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के मुताबिक बैठक में बूथ स्तर तक जाकर चुनाव के बचे हुए 6 चरणों मे मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा की गई। मतदाताओं से सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए घर-घर जाकर उन्हें अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर और कांग्रेस के घोषणापत्र सहित उन तमाम मुद्दों के बारे में जानकारी देने की रणनीति भी तैयार की गई, जिन मुद्दों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं अपनी चुनावी जनसभाओं में लगातार उठा रहे हैं।

भाजपा को यह भी लगता है कि भयंकर गर्मी की वजह से लोग कम तादाद में मतदान करने के लिए अपने घरों से निकलें और ऐसे में यह बताया जा रहा है कि पार्टी अपने बूथ अध्यक्षों एवं एजेंटों से तो विशेष व्यवस्था करने को कहेगी ही, लेकिन साथ ही पार्टी चुनाव आयोग से भी मुलाकात कर कुछ विशेष कदम उठाने का आग्रह कर सकती है ताकि भयंकर गर्मी के इस मौसम में लोगों को थोड़ी राहत महसूस हो और वे घरों से निकल कर वोट कर सकें।

भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को इस बात के लिए उत्साहित करेगी कि वे सुबह मतदान शुरू होने के कुछ घंटों के अंदर ही ज्यादा से ज्यादा लोगों से वोट करवाने की कोशिश करें, वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग से भी पोलिंग बूथों पर पीने का पानी, छाया के लिए टेंट और कूलर जैसे इंतजाम करने का आग्रह भी कर सकती है।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button