दो दशक बाद मिला इंसाफ: छात्र सुनील मर्डर केस का मास्टरमाइंड आखिरकार पकड़ा

मैनपुरी 
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले की एक त्वरित अदालत ने 10 वीं कक्षा के एक छात्र की अपहरण कर हत्या किए जाने के करीब 20 साल पुराने मामले में 3 आरोपियों को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक दोषी पर 55 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। एक सरकारी वकील ने शनिवार को यह जानकारी दी।

तीन दोषियों को आजीवन कारावास, 55 हजार रुपए का जुर्माना
जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) पुष्पेंद्र सिंह चौहान ने बीते शनिवार को एक न्यूज एजेंसी को बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश (त्वरित अदालत) कुलदीप सिंह ने बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के वकीलों की सुनवाई के बाद रवि मिश्रा, आक्रोश गुप्ता और योगेंद्र कश्यप को दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कठोर कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक दोषी पर 55,000 रुपए का जुर्माना लगाया। उन्होंने बताया कि इस मामले में सह आरोपी शैलेन्द्र यादव और शैलेन्द्र कश्यप के फरार होने के कारण उनके मुकदमे की फाइल अलग कर दी गई।

सुनील तोमर हत्याकांड का 20 साल पुराना मामला, आरोपी फरार
डीजीसी चौहान ने बताया कि शहर कोतवाली क्षेत्र के पावर हाउस रोड निवासी 10वीं कक्षा का छात्र सुनील तोमर 31 दिसंबर, 2005 की शाम को लापता हो गया था। काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चल सका। एक जनवरी, 2006 को सुनील का शव जलालपुर गांव के पास मिला। उन्होंने बताया कि मृतक सुनील के भाई दीपू तोमर ने कोतवाली में रवि मिश्रा, आक्रोश गुप्ता, योगेंद्र कश्यप, शैलेंद्र यादव और पावर हाउस रोड निवासी शैलेंद्र कश्यप के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत ने सुनवाई पूरी कर आरोपितों को सजा सुनाई। 

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