जयवर्धन सिंह ने दिग्विजय सिंह के विचारों का समर्थन किया, आलाकमान पर उठाए सवाल

भोपाल 
 बीजेपी संगठन और आरएसएस की तारीफ कर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पार्टी में चौतरफा घिरे हुए हैं. अब उनके बचाव में पूर्व मंत्री और बेटा जयवर्धन सिंह आए हैं. जयवर्धन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा "यदि दिग्विजय सिंह कांग्रेसी नहीं, तो कोई कांग्रेसी नहीं है. थरूर हों या दिग्विजय सिंह हों, बोलने की आजादी बनी रहनी चाहिए. वे विद्वान आदमी हैं, उन्हें बोलते रहना चाहिए. उनका बोला सुना जाना चाहिए."

लोकतांत्रिक संगठन में गुटबाजी होती है

जयवर्धन सिंह ने लिखा "दिग्विजय सिंह ने कोई बयान दिया, जिस पर कहर बरपा हुआ है. सोशल मीडिया की तमाम फीड में उन पर मूर्खतापूर्ण आरोप लगाती पोस्ट दिख रही हैं. वे कांग्रेस की आम राजनीतिक संस्कृति से लबरेज हैं, जिसमें गुटबाजी एक अहम भाग है. इसका नुकसान कांग्रेस को होता रहा है, पर लोकतांत्रिक संगठनों में भी विचार, गुट, क्यों नहीं होने चाहिए." 

वह लिखते हैं "आखिर सारे विचार बुद्धि का ठेका शीर्ष नेतृत्व लेकर रखे और बाकी देशभर में करोड़ों सदस्य, सब उसी मालिक का एम्पलीफायर रिकार्ड बजाने वाले बुद्धिहीन रोबोट हो जाएं. ऐसा संगठन, एक फॉसिस्ट होता है."

दिग्विजय सिंह से बड़ा कोई कांग्रेसी नहीं

दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने लिखा "कांग्रेस में सब कुछ हो सकता है, पर फॉसिस्ट नहीं. थरूर हों या दिग्विजय, उन्हें बोलते रहना चाहिए. कुछ माना जाना चाहिए, कुछ रिजेक्ट करने लायक भी हो सकता है. लेकिन विशेषकर दिग्विजय सिंह के लिए कोई कहे कि वह बीजेपी में चले जाएंगे या कांग्रेस को जमींदोज करने के गुप्त षडयंत्र में शामिल हैं, तो इससे बड़ी मूर्खता कुछ नहीं."

"अगर दिग्विजय सिंह कांग्रेस के शुभचिंतक नहीं तो दुनिया में कोई और शुभचिंतक नहीं. उनके विरुद्ध बड़े बोल लिखने-बोलने वाले तो कतई नहीं. आप दिग्विजय सिंह से बड़ा कांग्रेसी हो नहीं सकते."

दिग्विजय सिंह के किस ट्वीट पर मचा बवाल

दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों एक फोटो टैग कर आरएसएस की तारीफ की थी. उन्होंने 27 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक से ठीक पहले पुरानी तस्वीर शेयर की. इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को युवावस्था में लालकृष्ण आडवाणी के पैरों के पास जमीन पर बैठे दिखाया गया. इसके बाद उन्होंने लिखा "कैसे एक साधारण कार्यकर्ता मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री बन सकता है. यह संगठन की शक्ति है." 

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