पृथ्वी की जल धरोहर को संवारने एवं सहजने का हम सब का दायित्व : डॉ. यादव
जबलपुर
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने प्रदेश के सर्वांगीण विकास के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुये कहा कि शासन द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस को एक दिवसीय कार्यक्रम के रूप में न मनाकर 'जल-गंगा संवर्धन अभियान' के रूप में पांच से 16 जून का सम्पूर्ण पखवाड़ा जल संरक्षण एवं संवर्धन के रूप में मनाने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री डॉ यादव बाजना मठ में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत संग्राम सागर तालाब की स्वच्छता के लिये श्रमदान करने के बाद आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल-गंगा संवर्धन अभियान में संपूर्ण प्रदेश के प्रत्येक जिले में नदी, तालाबों, चैकडेम पुरानी बावड़ियों की जन सहयोग से साफ-सफाई तथा जल संरचनाओं के पुनर्जीवन का महाभियान सम्पूर्ण प्रदेश में जारी है। जनसभा में प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह समेत अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
जनसभा की शुरूआत में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 1373 करोड़ के 48 विकास कार्यों का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के समक्ष ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कुंडम की महिला स्व सहायता समूह द्वारा कोदो-कुटकी के उत्पादों को सांची पार्लर में विक्रय करने दुग्ध संघ के साथ करार भी किया गया तथा विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहियों को लाभांवित भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि मनुष्य के लिए सम्पूर्ण पृथ्वी ही उसका घर है। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से पृथ्वी की जल धरोहर को संवारने एवं सहजने का हम सब का दायित्व है। मुख्यमंत्री ने गोंडवाना साम्राज्य की रानी दुर्गावती द्वारा किये गये विकास एवं जल संवर्धन के कार्यो का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि सरकार जनता की बेहतरी एवं सामाजिक सरोकार की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। प्रदेश के विकास के लिए कोई भी कसर सरकार नहीं छोडेगी। उन्होंने आश्वस्त किया कि उद्योगों के निर्माण एवं रोजगार सृजन की दिशा में सरकार लगातार ठोस कदम उठायेगी। डॉ यादव द्वारा जल्द ही जबलपुर से रीवा, भोपाल तथा सिंगरौली के लिए एयर टेक्सी सेवा प्रारंभ करने की घोषणा की। साथ ही बताया कि प्रदेश के आम नागरिकों के बेहतर उपचार एवं सुविधा के लिए एयर एम्बुलेंस की सुविधा दी जायेगी।
लोक निर्माण मंत्री सिंह ने कहा कि जल के बिना जीवन शून्य है। हमारे सामने जल संकट के रूप में वैश्विक संकट है। ऐसे में मुख्यमंत्री डॉ यादव ने तय किया कि जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत हर जिले में जाकर जल देने वाली ऐसी संरचनाओं को पुनर्जीवित करने का कार्य सरकार करेगी।