ईरान ने दागी 200 ड्रोन्स-मिसाइलें, नहीं हुआ नुकसान, इस्राइल के एरो डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही किया नष्ट
तेहरान.
ईरान ने जैसे ही इस्राइल पर ड्रोन्स और मिसाइलों से हमला बोला, वैसे ही इस्राइल में सायरन गूंजने लगे। सायरनों की आवाज से लोग दहशत में जरूर आए, लेकिन ईरान का इतना बड़ा हमला भी इस्राइल को खास नुकसान नहीं पहुंचा सका। इसकी वजह है कि इस्राइल का एरो डिफेंस सिस्टम, जिसने आयरन डोम सिस्टम के साथ मिलकर ईरान की मिसाइलों और ड्रोन्स को हवा में ही तबाह कर दिया।
इस्राइली सेना ने बयान जारी कर बताया कि 'ईरान की तरफ से दर्जनों सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें इस्राइल की तरफ दागी गईं, लेकिन इस्राइली सेना के डिफेंस सिस्टम ने सफलतापूर्वक इन मिसाइलों को हवा में ही पहचानकर तबाह कर दिया। साथ ही इस्राइल के सहयोगी देशों ने भी इसमें मदद की।' सोशल मीडिया पर कई वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें इस्राइल का एरो डिफेंस सिस्टम हवा में ही मिसाइलों को तबाह करता दिख रहा है, जिससे इस्राइल के आसमान में आतिशबाजी जैसा दृश्य दिख रहा है।
क्या है इस्राइल का एरो डिफेंस सिस्टम
इस्राइल की एयरोस्पेस इंडस्ट्री ने अमेरिका की मिसाइल डिफेंस एजेंसी के साथ मिलकर एरो डिफेंस सिस्टम बनाया है। यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों का सिस्टम है, जो मुख्य तौर पर इस्राइल की हवाई सुरक्षा को सुनिश्चित करता है। इसके निर्माण की शुरुआत साल 1980 में इस्राइल ने अमेरिका के साथ मिलकर की थी। कई सफल परीक्षणों के बाद एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम को साल 1990 में इस्राइली सेना में शामिल कर लिया गया। इसके बाद एरो सिस्टम के आधुनिक संस्करण एरो 2 को साल 2000 में इस्राइली सेना में शामिल किया गया। एरो मिसाइल डिफेंस सिस्टम कम और मध्यम दूरी की मिसाइलों को हवा में ही तबाह करने की क्षमता रखता है। एरो 2 और 3 सिस्टम से लंबी दूरी की मिसाइलों को भी इस्राइल पहुंचने से पहले ही हवा में ही तबाह किया जा सकता है। एरो सिस्टम और आयरन डोम में अंतर की बात करें तो आयरन डोम कम दूरी के ड्रोन्स और मिसाइलों को तबाह करने का काम करता है। वहीं एरो सिस्टम मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों से निपटता है। एरो डिफेंस सिस्टम में मिसाइल लॉन्चर, फायर कंट्रोल रडार, लॉन्च कंट्रोल सेंटर और एक बैटल मैनेजमेंट सेंटर शामिल होता है। रडार पहले लंबी दूरी के टारगेट की पहचान करता है और यह एक बार में कई टारगेट को इंटरसेप्ट कर सकता है। एरो डिफेंस सिस्टम एक बार में अधिकतम 14 मिसाइलों को निशाना बना सकता है। फायर कंट्रोल रडार इलेक्ट्रोनिक जैमिंग की कोशिश से भी निपट सकता है। रडार 2400 किलोमीटर दूरी पर खतरे की पहचान कर सकता है।
एरो डिफेंस का रडार जब खतरे की पहचान कर लेता है तो रियल टाइम सूचना के आधार पर कंट्रोल सेंटर खतरे की स्पीड और ट्रैजेक्टरी का पता लगाकर मिसाइल लॉन्च करता है। एरो डिफेंस की मिसाइल 9 मैक की स्पीड से उड़ान भर सकती है और हवा में ही खतरे को तबाह कर सकती हैं। अगर मिसाइल खतरे को नहीं तबाह कर पाती तो 40 मीटर की दूरी पर जाकर अपने आप तबाह हो जाती है। एरो डिफेंस की हाइपरसोनिक स्पीड की वजह से एंटी सैटेलाइट हथियार भी इसकी मिसाइल को नहीं पकड़ पाते। साल 2015 में एरो 3 डिफेंस सिस्टम को इस्राइली सेना में शामिल किया गया है। नवंबर में जब यमन में हूती विद्रोहियों ने इस्राइल पर मिसाइल हमला किया था तो एरो 3 डिफेंस सिस्टम नहीं उसे हवा में तबाह कर दिया था।