इंदौर निगम का बड़ा एक्शन, बेलेश्वर महादेव मंदिर के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर
इंदौर .
मध्य प्रदेश में इंदौर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में हादसे के बाद नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है। नगर निगम की टीम ने सोमवार सुबह यहां के अवैध निर्माण को तोड़ दिया। बावड़ी के साथ मंदिर को भी बुलडोजर से ढहा दिया गया है। मंदिर तोड़े जाने से नाराज बजरंग दल के कार्यकर्ता इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। रामनवमी के दिन मंदिर के पास वावड़ी की छत ढहने से 36 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 18 लोग घायल हुए थे।
नगर निगम का अमला सोमवार सुबह पांच बजे ही बेलेश्वर महादेव मंदिर पहुंच गया। अतिक्रमण हटाने को लेकर निगम अधिकारियों ने रविवार देर रात ही तैयारियां पूरी कर ली थीं। रात 12 बजे नोटिस चिपकाया गया और जेसीबी डंपर भी बुला लिए गए थे। टीम को सुबह मुस्तैद रहने को कहा गया था। हालांकि, किस जगह का अतिक्रमण हटाया जाना है, टीम को यह नहीं बताया गया था।
अतिक्रमण हटाने के दौरान मीडिया को भी अंदर जाने से रोक दिया गया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। हर घर के आगे पुलिस मौजूद थी। पहले निर्माणाधीन मंदिर की दीवारें तोड़ी गईं। फिर मंदिर से मूर्तियों को हटाया गया। मूर्तियों को प्रशासन की टीम कार में रखकर ले जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक बावड़ी को मलबे से भरा जाएगा।
पांच से अधिक पोकलेन मशीनों के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जा रही है। नगर निगम उपायुक्त रिमूवल अधिकारी लता अग्रवाल, एडीएम अभय बेड़ेकर के अलावा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। इस दौरान विरोध कर रहे लोगों को जबरदस्ती वहां से हटाया गया। इसके लिए पुलिस ने हल्का बलप्रयोग भी किया।
इसके अलावा नगर निगम ने अब तक कि सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के अन्य तीन स्थानों पर भी कार्रवाई की है। महापौर पुष्यमित्र भार्गव व कमिश्नर प्रतिभा पाल के निर्देशन में कार्रवाई को अंजाम दिया। ये कार्रवाई स्नेह नगर गार्डन, जहां हादसा हुआ था। दूसरी कार्रवाई ढक्कन वाला कुआं, तीसरी कार्रवाई सुखलिया ओर चौथी कार्रवाई गडरा खेड़ी में चल रही है। तोड़े गए धार्मिक स्थल के मलबे को बावडी में डालकर उसमें भराव किया जा रहा है।
15वीं बटालियन के पास गडरा खेड़ी में फुटपाथ के नीचे दबे हुए कुएं को नगर निगम द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। इसके ऊपर फुटपाथ बना था और खाटू श्याम मंदिर की दीवार बनी थी और टीनशेड का निर्माण कर दुकान बनी हुई थी।
जानकारी के मुताबिक, रविवार रात 12 बजे नोटिस चिपकाया गया था। जेसीबी डंपर रात को ही आ गए थे और सुबह 6 बजे कारवाई शुरू हुई। हर घर के आगे पुलिस मौजूद रही। पहले निर्माणाधीन मंदिर की दीवारें तोड़ी गई और फिर आम बावडी वाले मंदिर से मूर्तियों को हटाया गया। मूर्तियां हटाने के बाद मंदिर के अवैध निर्माण का टीन शेड और दीवारें तोड़ी गई। निर्माणाधीन मंदिर के पिलर पोकलेन से तोड़े जा रहे हैं।
प्रशासन ने ऐसे स्थानों को चिन्हित किया है जहां बावड़ी या कुएं हैं और जहां लोगों ने अतिक्रमण कर लिया। सुबह जब लोग रामनवमी हादसे वाले स्थान पर मंदिर पहुंचे, तो उन्हें बाहर ही रोक दिया गया। बहस करने वालों पर लट्ठ भी चलाए। मीडिया को भी बाहर रखा गया है। आसपास के लोगों को घरों के बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। मंदिर की मूर्तियों को प्रशासन की टीम कार में रखकर ले जा रही है। प्रसाशनिक अफसरों के मुताबिक बावड़ी को मलबे से भरा जाएगा।
कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया। व्यवस्था संभालने के लिए जूनी इंदौर, भंवरकुंआ, रावजी बाजार सहित चार थानों का पुलिस बल तैनात किया गया है। नगर निगम ने पांच से अधिक पोकलेन मशीन से कार्रवाई की जा रही है। नगर निगम उपायुक्त रिमूवल अधिकारी लता अग्रवाल, एडीएम अभय बेड़ेकर के अलावा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।