इंदौर खंडपीठ ने उज्जैन कलेक्टर से कहा- महाकाल मंदिर के फोटो प्रसाद के पैकेट पर छापने पर ले जल्द निर्णय

इंदौर. महाकालेश्वर मंदिर में वितरित किए जाने वाले आरती भोग प्रसाद के पैकेट पर महाकाल मंदिर शिखर, नागेश्वर महादेव मंदिर के फोटो प्रकाशित करने पर रोक लग सकती है। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने उज्जैन कलेक्टर से कहा है कि वे तीन माह के भीतर इस संबंध में निर्णय लें। दरअसल हाई कोर्ट में दायर एक याचिका में कहा था कि आरती भोग प्रसाद पर महाकाल मंदिर शिखर, नागेश्वर मंदिर, ओंकारेश्वर महादेव मंदिर का चित्र प्रकाशित किया जाता है।

प्रसाद का उपयोग करने के बाद आमजन इन पैकेटों को यहां-वहां फेंक देते हैं। इससे लोगों की धार्मिक आस्था आहत होती है। याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की। हाई कोर्ट ने याचिका का निराकरण करते हुए उज्जैन कलेक्टर को तीन माह के भीतर इस संबंध में निर्णय लेने को कहा है।

जाति प्रमाण पत्र मामले में जांच पूरी कर उचित कार्रवाई करें
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने जूनी इंदौर पुलिस को आदेश दिया है कि वह भाजपा पार्षद कमलेश कालरा के अन्य पिछड़ा वर्ग के जाति प्रमाण पत्र की 90 दिन में जांच पूरी कर उचित कार्रवाई करे। कोर्ट ने यह आदेश याचिकाकर्ता गोपाल कोडवानी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

कोडवानी ने बताया कि उन्होंने 9 अप्रैल 2023 को पुलिस में इस संबंध में एक शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर व्यथित होकर उन्होंने याचिका दायर की। याचिका का निराकरण करते हुए कोर्ट ने थाना प्रभारी जूनी इंदौर थाना को आदेश दिया है कि पार्षद कमलेश कालरा के जाति प्रमाण पत्र की जांच कर उचित कार्रवाई करें। याचिकाकर्ता से कहा है कि वह सात दिन के भीतर इस संबंध में साक्ष्य पुलिस के समक्ष प्रस्तुत करे।

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