भारत की पहली डिजिटल जनगणना 2027: मध्यप्रदेश में तैयारियों का दौर तेज

भोपाल 

भारत सरकार द्वारा देश की पहली डिजिटल जनगणना 2027 को लेकर बैतूल जिला प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी हैं। जनगणना संबंधी अधिसूचना भारत सरकार के राजपत्र में 16 जून को प्रकाशित होने के बाद बैतूल जिला सांख्यिकी विभाग ने शासन से मिले दिशा-निर्देशों के आधार पर प्रारंभिक कदम उठाना शुरु कर दिए हैं।

बैतूल जिले में जनगणना शुरु होने से लगभग 18 महीने पहले प्रशासनिक इकाइयों जिले, तहसीलों, कस्बों और गांवों की सीमाओं को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेजी से संचालित की जा रही है। सांख्यिकी कार्यालय ने इसके लिए विभिन्न विभागों को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं।

दो चरणों में जनगणना पूरी

इस बार होने वाली जनगणना (Census India 2027) पूरी तरह डिजिटल तकनीक आधारित होगी, जिसमें आंकड़ों के संग्रहण से लेकर प्रकाशन तक हर चरण में आधुनिक उपकरणों और सॉटवेयर का उपयोग होगा। विशेष बात यह है कि इस बार जातिगत डेटा भी संग्रहित किया जाएगा, जिसके लिए सभी जातियों से संबंधित सूचनाएं प्रगणकों द्वारा दर्ज की जाएंगी। जनगणना दो चरणों में होगी।

    पहला चरण मकान सूचीकरण एवं मकानों की गणना का होगा, जो मध्यप्रदेश शासन से परामर्श लेकर अप्रेल से सितंबर 2026 के बीच 30 दिन में पूरा होगा।

    दूसरा चरण जनसंया गणना का होगा, जिसे फरवरी 2027 में करवाया जाएगा। इस दौरान जनगणना की संदर्भ तिथि 1 मार्च 2027, रात 12 बजे निर्धारित की गई है, यानी उस पल मौजूद जनसंया ही रिकॉर्ड मानी जाएगी।

निवासियों के लिए स्व-गणना पोर्टल तैयार

जनगणना को अधिक सरल, पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए एक स्व-गणना वेब पोर्टल भी विकसित किया जा रहा है, जिसके माध्यम से जिले के नागरिक अपने घरों और परिवार का डेटा स्वयं भर सकेंगे। इससे न केवल आंकड़ों की सटीकता बढ़ेगी, बल्कि प्रगणकों का कार्यभार भी काफी कम होगा। डिजिटल जनगणना 2027 के लिए बैतूल जिला प्रशासन की यह तैयारियां बताती हैं कि प्रदेश और जिले के लिए यह प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण तकनीकी बदलाव लेकर आएगी।

ऐप, जीपीएस और रियल टाइम मॉनिटरिंग का उपयोग

जनगणना 2027 पारंपरिक जनगणना से इसलिए भिन्न है क्योंकि इसमें मोबाइल ऐप आधारित डिजिटल डेटा संग्रह प्रणाली अपनाई जाएगी। प्रगणक मोबाइल ऐप से घरों की सूची और गणना से जुड़े आंकड़े दर्ज करेंगे। हर गणना ब्लॉक की सीमा जीपीएस तकनीक से कैप्चर की जाएगी, जिससे सटीकता बढ़ेगी। समस्त जनगणना कार्य की रियल टाइम मॉनिटरिंग सीएमएमएस पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। नवंबर 2025 तक जिले में जनगणना प्रशिक्षण के लिए चार मास्टर ट्रेनर चिन्हित किए जा चुके हैं, जो आगे प्रगणकों को प्रशिक्षित करेंगे।

सीमाओं की फ्रीजिंग से पहले सत्यापन

जनगणना 2027 के लिए राज्य की प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं की फ्रीजिंग 31 दिसंबर 2025 से लागू हो जाएगी। इसके बाद 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक किसी भी जिलों, तहसीलों या ग्राम सीमाओं में परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। इसी कारण बैतूल जिले में सीमाओं के सत्यापन का कार्य प्राथमिकता से करवाया जा रहा है।

निर्देशालय द्वारा भेजे गए आदेशों के अनुसार अक्टूबर-नवंबर 2025 के बीच तक सभी राजस्व व वन ग्रामों की तहसीलवार सूची, नगरीय निकायों के मानचित्र और ग्राम सीमाओं के सत्यापन पूरा कर भेजना अनिवार्य होगा। जिला प्रशासन ने संबंधित विभागों को समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश जारी किए हैं। 

जनगणना 2027: पहले चरण में घर-घर पहुंचेगी टीम

नए साल में जनगणना वाले कई सवाल लेकर आपके घर पर दस्तक देंगे। वे घर के निर्माण से लेकर उसके उपयोग के बाबत तमाम जानकारी एकत्र करेंगे। मसलन सौर ऊर्जा से लेकर इंटरनेट के इस्तेमाल तक की जानकारी मांगी जाएगी।

घर के फर्श, छत व दीवारें किस चीज से बनीं हैं। मकान का उपयोग आवास के रूप में होता या उसमें कार्यालय, गेस्ट हाउस या पूजा स्थल भी है। पीने का पानी नहर, नदी, कुएं हैंडपंप व नल से मिलता है या सीलबंद पैकेट या बोतल का पानी उपयोग में आता है। यह सब जानकारियां भी हासिल की जाएंगी। टेलीफोन या स्मार्टफोन तक की जानकारी भी साझा करनी है।

इस कवायद का मकसद देश के लोगों के रहन सहन के स्तर को जानना है। इससे निकले आंकड़े विकसित भारत की मुहिम में नई नीतियां बनाने व मौजूदा नीतियों में कमियों को दूर करने में सहायक होंगे। भारत सरकार ने जनगणना 2027 के प्रथम चरण के लिए मकान सूचीकरण व मकान गणना अनुसूची सूची तैयार करने का अभियान तेज कर दिया है। इसके लिए प्रगणक घर घर दस्तक देंगे। इसके लिए 30 से ज्यादा सवालों की सूची तैयार कर ली गई है। इससे संबंधित अधिसूचना जल्द जारी होगी।

मोटर कार से लेकर मोपेड तक जानकारी दर्ज होगी
मकान मलिक से घर में कार, मोटर साइकिल, साइकिल व मोपेड के बारे में जानकारी ली जाएगी। यह पता किया जाएगा घर में खाना बनाने में लकड़ी, फसल अपशिष्ट , उपले कोयला, गोबर गैस, मिट्टी का तेल, एलपीजी, पीएनजी, बिजली व सौर ऊर्जा में किसका इस्तेमाल होता है। फर्श कच्चा है या पत्थर, टाइल, ईंट या सीमेंट का है। टीवी में डिश व डीटीएच की सुविधा, लैपटॉप, लैंडलाइन व मोबाइल फोन की जानकारी भी देनी है। गेहूं , ज्वार , चावल , बाजरा, मक्के के उपयोग के बाबत भी सवाल होंगे।

ऑनलाइन गणना से जल्द आएंगे आंकड़े
जनगणना 2027 का पहला चरण अगले साल अप्रैल से शुरू होगा। इसमें मकानों व उसमें रहने वालो के रहन सहन के स्तर का ब्यौरा एकत्र होगा। वर्तमान में लद्दाख व पश्चिम बंगाल को छोड़कर पूरे देश में पहले चरण के मकान सूचीकरण के काम का पूर्वाभ्यास चल रहा है। प्रगणकों को इसमें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। यह प्रगणक ऑनलाइन व घर घर जाकर दोनों तरह से आंकड़ों को एकत्र करेंगे। पहली बार डिजिटल माध्यम का भी उपयोग होने से जनगणना के आंकड़े भी जल्द सामने आ सकेंगे। पहले की जनगणनाओं में मुख्य आंकड़े तो आ जाते थे लेकिन विस्तृत आंकड़े आने में कई साल लगते थे।

दूसरे चरण के तहत 2027 में पूरे देश की जनगणना कराई जाएगी। इसमें जातिगत जनगणना भी शामिल है। आजादी के बाद पहली बार जातिगत जनगणना होनी है इसलिए इस काम को बहुत ही चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है। जनगणना में पहली बार मोबाइल ऐप व पोर्टल का उपयोग होगा। उसके लिए सवाल अलग से तैयार होंगे। भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना कार्यालय ने सभी राज्यों को विस्तृत निर्देश भेजें हैं।

 

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