नोएडा एक्सप्रेसवे पर बढ़ते हुए एक्सीडेंट को देखते हुए अब इसका सर्वे केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान से करवाया जाएगा
नोएडा
नोएडा एक्सप्रेसवे पर बढ़ते हुए एक्सीडेंट को देखते हुए अब इसका सर्वे केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) से करवाया जाएगा। क्योंकि इस एक्सप्रेसवे पर बने हुए पक्के निर्माण को सर्विस लेन पर शिफ्ट किया जाना है, जो इतना आसान काम नहीं है। इसीलिए पहले उनका सर्वे करवा कर उसके बाद ही काम शुरू हो पाएगा।
नोएडा एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर के अंदर विज्ञापन के 12, आईटीएमएस के 8, साइनेज के 21 पोल मौजूद हैं। 13 स्ट्रक्चर एफओबी के हैं और 19-20 पब्लिक टॉयलेट व यूरिनल भी मौजूद हैं। इन सभी को क्रैश बैरियर से बाहर सर्विस लेन की तरफ शिफ्ट किया जाना है। प्राधिकरण इस योजना में सलाहकार एजेंसी के रूप में सीआरआरआई को शामिल करने जा रहा है। इसके लिए सीआरआरआई को पत्र भेजा जा रहा है। सीआरआरआई पूरे एक्सप्रेस वे का दोबारा से सर्वे करेगी। एक्सप्रेस वे के सुरक्षा मानकों को देखेगी और दुर्घटना के मुख्य कारण और लूप होल तलाशेगी। इसके बाद उनको शिफ्ट करने का पूरा प्लान प्राधिकरण को देगी।
बीते 14 अगस्त को यहां आईटीएमएस के पोल से एक कार के टकराने से तीन युवकों की मौत हो गई थी। जिसके बाद प्राधिकरण के इंजीनियरों ने इसका सर्वे किया था। इस सर्वे में सामने आया था कि यहां क्रैश बैरियर के अंदर लगे पोल एक्सीडेंट के कारण है। इसे शिफ्ट किया जाए।
24.5 किमी लंबे नोएडा एक्सप्रेस वे सिटी सर्विलांस सिस्टम के अंडर आता है। इस एक्सप्रेस की निगरानी के लिए यहां आईटीएमएस के तहत कैमरे लगाए है। इन कैमरों को पोल पर लगाया गया है। पोल क्रैश बैरियर के अंदर यानी एक्सप्रेस वे की ओर लगे है। इसका कुछ हिस्सा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पास भी है। ऐसे में नोएडा वाहन चालकों के लिए इस एक्सप्रेस वे को सुरक्षित बनाता चाहता है। सेफ्टी पाइंट को लेकर मंथन किया गया। अब इसका पूरा प्लान सीआरआरआई करेगी।