बांग्लादेश में हिंदू हमलों के विरोध में सड़क पर उतरे, कहा- अंतरिम सरकार नहीं कर पा रही सुरक्षा

ढाका

बांग्लादेश में लगातार हो रहे हमलों और उत्पीड़न के विरोध में एक बार फिर बड़ी संख्या में हिंदू सड़क पर उतरे। इस दौरान हिंदुओं ने बड़ी रैली निकाली। करीब 30 हजार से अधिक हिंदुओं ने चटगांव में एक चौराहे पर अधिकारों की मांग को लेकर नारेबाजी की। इस दौरान हिंदुओं ने कहा कि अंतरिम सरकार उनको सुरक्षा मुहैया नहीं करा पा रही है।

बांग्लादेश हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद ने कहा कि चार अगस्त से हिंदुओं पर 2000 से अधिक हमले हुए हैं। हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का कहना है कि अंतरिम सरकार ने उन्हें पर्याप्त रूप से सुरक्षा नहीं दी है। हसीना के सत्ता से हटने के बाद से कट्टरपंथी इस्लामवादी तेजी से प्रभावशाली होते जा रहे हैं। वहीं अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस का कहना है कि हमलों के आंकड़े को बढ़ा-चढ़ाकर बताया जा रहा है। बता दें कि देश की लगभग 17 करोड़ आबादी में हिंदू लगभग 8 प्रतिशत हैं, जबकि मुस्लिम लगभग 91% हैं।

इससे पहले 26 अक्तूबर को  अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों की मांग को लेकर सनातन जागरण मंच ने चटगांव में एक विशाल रैली का आयोजन किया था। आठ प्रमुख मांगों को लेकर हिंदू अल्पसंख्यकों ने आवाज बुलंद की थी। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जब तक बांग्लादेश की सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।

हिंदुओं पर 2000 से अधिक हमले
देश के प्रभावशाली अल्पसंख्यक समूह ‘बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल’ ने कहा है कि चार अगस्त के बाद से हिंदुओं पर 2,000 से अधिक हमले हुए हैं। हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का कहना है कि अंतरिम सरकार ने उनकी पर्याप्त सुरक्षा नहीं की है और हसीना के जाने के बाद कट्टरपंथी इस्लामवादी तेजी से प्रभावशाली होते जा रहे हैं।

बांग्लादेश में क्या हुआ?
नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया गया था, जो बाद में हिंसा में बदल गया। बढ़ती हिंसा को देखते हुए पांच अगस्त को हसीना ने इस्तीफा दे दिया था और भारत चली गई थीं। हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को अंतरिम सरकार द्वारा प्रतिस्थापित किया गया और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को इसका मुख्य सलाहकार नामित किया गया। हालांकि, अंतरिम सरकार बनने के बाद भी अल्पसंख्यकों के घरों और धर्मस्थलों को निशाना बनाया गया।  

बांग्लादेश में हजारों हिंदू सड़कों पर उतरे हैं
ढाका: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के हजारों सदस्यों ने शनिवार को रैली निकालकर अंतरिम सरकार से सिलसिलेवार हमलों व उत्पीड़न से सुरक्षा देने और इस समुदाय के नेताओं के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामलों को रद्द करने की मांग की। लगभग 30,000 हिंदुओं ने दक्षिण-पूर्वी शहर चटगांव के एक प्रमुख चौराहे पर रैली करते हुए नारे लगाए। देश में अन्य जगहों पर भी विरोध प्रदर्शन होने की सूचना मिली।
हिंदू समूहों का कहना है कि अगस्त की शुरुआत में प्रधानमंत्री शेख हसीना की धर्मनिरपेक्ष सरकार के बेदखल होने और हसीना के देश छोड़कर चले जाने के बाद हिंदुओं के खिलाफ हजारों हमले हुए हैं। हसीना की सरकार के पतन के बाद नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया था। छात्रों का आंदोलन हिंसक होने के बाद शेख हसीना देश छोड़कर चली गई थीं। बांग्लदेश की आबादी लगभग 17 करोड़ है, जिनमें हिंदुओं की आबादी करीब आठ प्रतिशत है जबकि 91 प्रतिशत आबादी मुसलमान है।

हिंदुओं पर 2000 से अधिक हमले
देश के प्रभावशाली अल्पसंख्यक समूह ‘बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल’ ने कहा है कि चार अगस्त के बाद से हिंदुओं पर 2,000 से अधिक हमले हुए हैं। हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का कहना है कि अंतरिम सरकार ने उनकी पर्याप्त सुरक्षा नहीं की है और हसीना के जाने के बाद कट्टरपंथी इस्लामवादी तेजी से प्रभावशाली होते जा रहे हैं।

हिंदू नेताओं पर देशद्रोह का केस
शहर में 25 अक्टूबर की रैली को लेकर प्रमुख पुजारी चंदन कुमार धर समेत 19 हिंदू नेताओं के खिलाफ बुधवार को राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। इसके खिलाफ शुक्रवार को चटगांव में विरोध प्रदर्शन आयोजित किया गया। दो नेताओं की गिरफ्तारी से हिंदू समुदाय के लोग नाराज हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button