जापान की मदद से मध्यप्रदेश में बनेगा हाईस्पीड रेल कॉरिडोर, ई-वी निर्माण में सहयोग
मध्यप्रदेश में जापान की मदद से बनेगा हाईस्पीड रेल कॉरिडोर, मोहन कैबिनेट का बड़ा फैसला
भोपाल
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हुई मोहन कैबिनेट की बैठक में सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। कैबिनेट बैठक के बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि जापान सरकार से कनेक्टिंग के लिए मध्य प्रदेश में कार्यालय स्थापित होगा और हाईस्पीड रेल कॉरिडोर, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर जापान से सहयोग लिया जाएगा।
जापान के सहयोग से हाईस्पीड रेल कॉरिडोर
जापान सरकार से कनेक्टिंग के लिए मध्य प्रदेश में कार्यालय स्थापित होगा। हाईस्पीड रेल कॉरिडोर, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर जापान से सहयोग लेंगे। कपास से कपड़ा, कपड़ा से रेडिमेड इंड्रस्ट्री में जापान सहयोग करेगा। ई-वी निर्माण में जापान सहयोग देगा।
जापान के सहयोग से मध्यप्रदेश को बनाएंगे आइडियल इन्वेस्टमेंट डेस्टिनेशन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यात्रा में उन्होंने जापानी निवेशकों और उद्योगपतियों को भोपाल में 24-25 फरवरी को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जापानी कंपनियों ने मध्यप्रदेश में निवेश करने की गहरी रुचि दिखाई है और कई प्रमुख कंपनियां आगामी समिट में हिस्सा लेंगी। उन्होंने जापान के विभिन्न उद्योगपतियों, निवेशकों के साथ बिजनेस टू बिजनेस (बी-टू-बी) और जापान सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट (जी-टू-जी) मुलाकात की और प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर विस्तार से बात की।
जापान-मध्यप्रदेश औद्योगिक सहयोग फोरम की स्थापना के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली, जिससे प्रदेश में जल्द ही जापानी इंडस्ट्रियल पार्क, कौशल विकास केंद्र और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग हब स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए जापान प्लस सेल की भी स्थापना की जाएगी, जो जापानी निवेशकों के साथ निरंतर संपर्क और फॉलोअप करेगी। मुख्यमंत्री ने जापान के उद्योगपतियों और निवेशकों को फरवरी में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS-2025) में आमंत्रित किया, जिससे निवेश के नए अवसर खुलेंगे।
जापान होगा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का कंट्री पार्टनर
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार जापान, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कंट्री पार्टनर के रूप में शामिल होगा। इससे दोनों देशों के बीच आर्थिक और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा। डॉ. यादव ने बताया कि जापानी कंपनियों ने मध्यप्रदेश में मेडिकल डिवाइस, ऑटोमोबाइल्स, मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और टेक्सटाइल (रेडिमेड गारमेन्ट्स) सेक्टर में निवेश करने की इच्छा जताई है। जापानी कंपनियों का निवेश मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगा। जापानी कंपनियों के सहयोग से हम प्रदेश को इन्वेस्टमेंट के लिए एक 'आइडियल डेस्टिनेशन' और 'इंडस्ट्री फ्रेंडली स्टेट' बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं।
मध्यप्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल वातावरण
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार उद्योगों के विकास के लिए बेहतर अधोसंरचनाएं, सरल निवेश नीतियां और निवेशकों को एक बेहद अनुकूल वातावरण उपलब्ध करा रही है। उन्होंने जापानी निवेशकों को विश्वास दिलाया कि वे बेहिचक यहां निवेश करें, राज्य सरकार उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। इस सफल यात्रा से जापानी कंपनियों द्वारा मध्यप्रदेश में किया जाने वाला निवेश यहां रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा और औद्योगिक विकास को गति भी देगा। जापान यात्रा मध्यप्रदेश को "निवेश का हब" बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 का आयोजन भोपाल के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय में होगा, जहां विभिन्न देशों के निवेशक और उद्योगपति भाग लेंगे।
जापान भारत का पांचवा सबसे बड़ा निवेशक
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि वर्तमान में जापान, भारत का पांचवां सबसे बड़ा निवेशक है, जिसने पिछले दो दशकों में भारत में 38 बिलियन डॉलर से अधिक का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश किया है। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 20 बिलियन डॉलर का है, जो निरंतर बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में पहले से ही कई प्रमुख जापानी कंपनियां सफलतापूर्वक कार्यरत हैं। ब्रिजस्टोन ने पीथमपुर में अपना विश्वस्तरीय टायर उत्पादन संयंत्र स्थापित किया है, जो रोजगार सृजन और निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। पैनासोनिक जैसी दिग्गज कंपनी ने मध्यप्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। एनएसके, सानोह और कामात्सु जैसी जापानी कंपनियां भी प्रदेश में कार्यरत हैं, जो ऑटोमोटिव और मशीनरी क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। व्यापार के क्षेत्र में मध्य प्रदेश से जापान को होने वाला निर्यात निरंतर बढ़ रहा है। यह दोनों क्षेत्रों के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों का प्रमाण है।
मोहन कैबिनेट का बड़े फैसले
— भोपाल-इंदौर के बीच मेट्रो रेल प्रौद्योगिकी में शहरी विकास प्लानिंग, हाईस्पीड रेल कॉरिडोर, स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर जापान से सहयोग लिया जाएगा।
— मध्यप्रदेश में कपास से कपड़ा, कपड़ा से रेडिमेड के वैल्यू एडीशन में जापान मध्यप्रदेश में अपना सहयोग प्रदान करेगा।
— सिसमेक्स कार्पोरेशन के साथ उज्जैन मेडिकल डिवाइस में निवेश और अनुसंधान का आश्वासन भी जापान ने दिया है।
— आटोमोटी सेक्टर और ईवी मैनिफेक्चरिंग के लिए भी जापान ने सहयोग करने की सहमति दी है।
— सीएम जनकल्याण के दौरान 30 हजार 716 शिविर 42.96 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 41.7 लाख के करीब लोगों के आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है।
— सर्वाधिक 9 लाख आयुष्मान भारत योजना के आवेदन मिले थे जिनमें से 99 प्रतिशत आवेदनों को स्वीकृत कर निराकरण कर दिया गया। सबसे ज्यादा आवेदन भोपाल में 2.40 लाख , छिंदवाड़ा 2.18 लाख, उज्जैन में 2.13 लाख आवेदन आए।
— प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रथम चरण में एमपी में साढ़े 9.5 लाख मकान मिले थे जिनमें से 8.5 बनाकर मकान आवंटित किए हैं जिसके कारण मध्यप्रदेश को पुरस्कृत किया गया है।
— पीएम आवास योजना 2.0 स्वीकृत हुई है जिसमें 10 लाख मकान मध्यप्रदेश में बनाए जाएंगे। BLC के तहत मकान बनाकर देंगे। अफॉर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप में अगर किसी व्यक्ति का प्लॉट या पट्टा है तो उसके खाते में पैसे भेजे जाएंगे। सिंगल वुमेन, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक के लिए बनेंगे मकान
— अफॉर्डेबल रेंटल हाउसिंग योजना के तहत ऐसे लोगों को मकान बनाकर दिया जाएगा जो शहरी क्षेत्रों में आते हैं, या कहीं काम करते हैं। उनके लिए 10 लाख मकान बनाए जाएंगे। इनमें सिंगल वुमेन, ट्रांसजेंडर, दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं।
— पीएम आवास योजना के जरिए एमपी को झुग्गी मुक्त बनाने की ओर काम किया जाएगा।
— सेमी कंडक्टर में भी जापान के उद्योगपतियों ने निवेश की रूचि दिखाई थी जिसके लिए पॉलिसी कैबिनेट में पास हुई है। उम्मीद है कि इसके जरिए हजार 2 हजार करोड़ का इंवेस्टमेंट आ सकता है।
— ड्रोन पॉलिसी बनाई है। आजकल ड्रोन समाज के हर हिस्से से जुड़ गया है। खासकर किसानों के लिए ड्रोन काफी लाभदायक है। यूरिया छिड़कने में ड्रोन काफी लाभकारी और सुविधाजनक है।
— ड्रोन संवर्धन नीति मध्यप्रदेश के विकास में काफी कारगर होगी।
— हुकुमचंद मिल की जमीन का उपयोग किया जाएगा। वहां वर्ल्ड क्लास प्लेस बनाया जाएगा। नगर निगम की जमीन है फिलहाल उसे हाउसिंग बोर्ड को हस्तांतरित कराया जाएगा। इसके लिए त्रिपक्षी एमओयू होगा। इसमें 4000 हजार करोड़ से ऊपर का इंवेस्टमेंट होगा और 10 हजार से ज्यादा रोजगार मिलेंगे।
— मध्यप्रदेश पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर महू और रीवा में संचालित होता था इनमें पहला स्टायफंड 7600 रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए किया गया है।