हमास ने युद्धग्रस्त गाजा में बैंकों की तिजोरियों पर डाला 580 करोड़ का डाका

गाजा.

इजरायल से युद्ध के बीच हमास आतंकियों के नया कांड का खुलासा हुआ है। फ्रांसिसी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि पिछले एक महीने से हमास आतंकी अपने ही देश फिलिस्तीन में बैंकों से करोड़ों रुपए की लूट कर चुके हैं। अखबार का दावा तब सामने आया है जब गाजा में रह रहे कम से कम 25 लाख लोग इजरायली हमलों के बाद भुखमरी में जीने को मजबूर हैं।

ये डकैत हमास आतंकियों की एक इकाई बताई जा रही है। इन आतंकियों पर एक महीने के भीतर कम से कम 580 करोड़ रुपए लूटने का आरोप है। फ्रांसीसी दैनिक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि गाजा के सशस्त्र ग्रुप ने बैंक ऑफ फिलिस्तीन की कई ब्रांच से जमकर लूटपाट की है। बैंक के दस्तावेजों का हवाला देते हुए अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एक नहीं बैंक की कई शाखाओं की तिजोरियां साफ कर दी गई हैं। अनुमान के मुताबिक, 70 मिलियन डॉलर (कम से कम 580 करोड़ रुपए) की डकैती डाली गई है। बैंक ने लूटपाट की इन घटनाओं को बेहद गंभीर बताया है। अखबार का दावा है कि 16 अप्रैल को कर्मचारियों ने रिपोर्ट किया कि बैंक ऑफ फिलिस्तीन की गाजा शाखा में लॉकर से 3 मिलियन डॉलर लूट लिए गए। डकैतों ने तिजोरी वाले कमरे की छत में एक सुराख किया और पूरी की पूरी तिजोरी साफ कर दी। इसी तरह अन्य शहरों से भी जमकर डकैती की है।  गौरतलब है कि 1960 में स्थापित बैंक ऑफ फिलिस्तीन गाजा का प्रमुख वित्तीय संस्थान है। संयुक्त राष्ट्र (संरा) की एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध को छह महीने से ज्यादा वक्त बीत जाने और फलस्तीनी क्षेत्र में खाद्य आपूर्ति पर इजराइल द्वारा कड़े प्रतिबंध लगाये जाने के कारण संकटग्रस्त उत्तरी गाजा में अकाल अब अपने चरम पर पहुंच गया है।

गाजा में रहने वालों की भुखमरी जैसी स्थिति
इस बीच संयुक्त राष्ट्र (संरा) की एक शीर्ष अधिकारी सिंडी मैक्केन ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच युद्ध को छह महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है और फलस्तीनी क्षेत्र में खाद्य आपूर्ति बेहद चिंताजनक है। इजरायल के कड़े प्रतिबंधों के कारण उत्तरी गाजा में अकाल अब अपने चरम पर पहुंच गया है। मैक्केन ने एनबीसी के 'मीट द प्रेस' को दिये साक्षात्कार में कहा, ''यह भयावह है। उत्तर में अकाल चरम पर है और यह स्थिति दक्षिण की ओर बढ़ रही है।'' उन्होंने कहा कि गाजा में तेजी से बढ़ते इस गंभीर मानवीय संकट का सामना करने के लिए संघर्ष विराम और जमीन व समुद्री मार्गों के जरिये सहायता पहुं‍चाने की दर में भारी वृद्धि की जरूरत है। बता दें कि गाजा में करीब 23 लाख लोग रहते हैं।

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