GST कलेक्शन ने रचा इतिहास, टूटे सारे रिकॉर्ड, पहली बार पहुंचा ₹2 लाख करोड़ के पार

नईदिल्ली

लोकसभा चुनावों के बीच भारत के लिए बड़ी गुड न्यूज आई है. सरकार ने अप्रैल 2024 के लिए जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े जारी कर दिए हैं और ये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है. नए वित्त वर्ष में देश ने जीएसटी कलेक्शन के मामले में इतिहास रच दिया है. जीएसटी शुरू होने के बाद पहली बार कलेक्शन 2 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंचा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, GST Collection अप्रैल महीने में अब तक का सबसे ज्यादा 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा है. बीते महीने ग्रॉस रेवेन्यू में भी सालाना आधार पर शानदार 12.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. इसके अलावा नेट रेवेन्यू (रिफंड के बाद) 1.92 लाख करोड़ रुपये रहा है और इसमें साल-दर साल 17.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार करने वाली GST Collection में बीते अप्रैल महीने ग्रॉस रेवेन्यू में भी सालाना आधार पर शानदार 12.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. इसके अलावा नेट रेवेन्यू (रिफंड के बाद) 1.92 लाख करोड़ रुपये रहा है और इसमें साल-दर साल 17.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अप्रैल 2024 के हुए कुल जीएसटी कलेक्शन में सेंट्रल जीएसटी (CGST) 43,846 करोड़ रुपये, स्टेट जीएसटी (SGST) 53,538 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 99,623 करोड़ रुपये और सेस 13,260 करोड़ रुपये शामिल है.

यह आंकड़ा 2.10 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया। बता दें कि साल-दर-साल आधार पर ग्रॉस रेवेन्यू में 12.4% की बढ़ोतरी हुई है।

अप्रैल 2024 के जीएसटी कलेक्शन की डिटेल

केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी): ₹43,846 करोड़

राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी): ₹53,538 करोड़

एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आईजीएसटी): ₹99,623 करोड़

वित्तीय वर्ष 2023-24 का कलेक्शन

वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 20.18 लाख करोड़ रुपये रहा यह पिछले वर्ष की तुलना में हुए 20 लाख करोड़ रुपये के राजस्‍व से अधिक है जो 11.7 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। इस वित्तीय वर्ष का औसत मासिक कलेक्शन 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष के औसत 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

गौरतलब है कि जीएसटी (GST) को 01 जुलाई 2017 को लागू किया गया था. इसने अप्रत्यक्ष कर की कई जटिलताओं को दूर किया. इस नई प्रणाली से वैट (VAT), एक्साइज ड्यूटी (कई चीजों पर) और सर्विस टैक्स (Service Tax) जैसे 17 टैक्स खत्म हो गए. छोटे उद्योग-धंधों को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 40 लाख रुपये के सालाना टर्नओवर वाले बिजनेस को जीएसटी के दायरे से मुक्त कर दिया था.

डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन पर टैक्स जीरो

आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन या एटीएफ के निर्यात पर एसएईडी को शून्य पर बरकरार रखा गया है। नई दरें एक मई से प्रभावी हो गई हैं। भारत ने पहली बार एक जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ पर कर लगाया था। इसके साथ ही वह उन देशों में शामिल हो गया जो ऊर्जा कम्पनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाते हैं। तेल की पिछले दो सप्ताहों की औसत कीमतों के आधार पर कर दरों की समीक्षा हर पखवाड़े की जाती है।

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