जनवरी में मिली थी जमानत, आसाराम ने अब जोधपुर जेल में किया सरेंडर

 जोधपुर
नाबालिग से रेप के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे आसाराम ने शनिवार, 30 अगस्त को जोधपुर सेंट्रल जेल में सरेंडर कर दिया है। राजस्थान हाई कोर्ट ने 27 अगस्त को उसकी अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उसे यह कदम उठाना पड़ा।

आसाराम को जनवरी 2025 में पहली बार 12 साल बाद अंतरिम जमानत मिली थी। उसने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, आसाराम की तबीयत स्थिर है और उसे अस्पताल में भर्ती होने या लगातार चिकित्सा देखभाल की जरूरत नहीं है।

अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल के मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि आसाराम ने पिछले कुछ महीनों में इलाज के लिए कई यात्राएं की हैं और विभिन्न शहरों के अस्पतालों में सलाह ली है, लेकिन किसी भी अस्पताल में नियमित फॉलोअप नहीं कराया है। कोर्ट ने आसाराम के वकील की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने एम्स जोधपुर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए स्वास्थ्य में गिरावट की बात कही थी।

जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने फैसले में कहा था कि मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार आसाराम की तबीयत स्थिर है।

उसे हॉस्पिटल में भर्ती होने या लगातार चिकित्सा देखभाल की जरूरत नहीं है। आसाराम जनवरी 2025 में 12 साल के बाद पहली बार जमानत मिली थी।

सबसे पहले जानिए- अंतरिम जमानत कैंसिल करते हुए कोर्ट ने क्या कहा था…

अहमदाबाद के सिविल हॉस्पिटल में मेडिकल बोर्ड की ओर से दी गई रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए स्पष्ट किया कि आसाराम ने पिछले 3-4 महीनों में इलाज के लिए कई यात्राएं की हैं। उसने कई शहरों में अलग-अलग हॉस्पिटल में इलाज भी कराया है, लेकिन किसी भी हॉस्पिटल में नियमित फॉलोअप नहीं कराया है।

वकील के दलील को किया खारिज

27 अगस्त की सुनवाई में आसाराम के वकील निशांत बोड़ा ने कहा था कि- 21 अगस्त को आसाराम को एम्स जोधपुर ले जाया गया था। वहां के डॉक्टरों ने उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के बारे में एक रिपोर्ट दी है। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार नहीं किया।

बेटे से भी हुई थी मुलाकात
अपनी करीब साढ़े सात महीने की जमानत के दौरान आसाराम ने 11 साल बाद अपने बेटे नारायण साईं से भी मुलाकात की थी। नारायण साईं 25 जून को सूरत जेल से जोधपुर स्थित आसाराम के आश्रम पहुंचे थे।

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