दो-पहिया वाहन खरीदने वालों के लिए खुशखबरी: सरकार देगी बड़ा गिफ्ट, कीमतों में आएगी भारी गिरावट

नई दिल्ली
दोपहिया वाहन अब होंगे सस्ते! सरकार दिवाली तक बाइकों और स्कूटर्स पर GST दर घटाकर सिर्फ 18% करने जा रही है। इससे ग्राहकों को सस्ती गाड़ियां मिलेंगी और कंपनियों की बिक्री भी बढ़ेगी। यह फैसला ऑटो सेक्टर और आम जनता दोनों के लिए फायदेमंद होगा।
बाइक और स्कूटर खरीदना अब और आसान हो सकता है। सरकार दिवाली तक टू-व्हीलर पर लगने वाला GST घटाकर 28-31% से केवल 18% करने की तैयारी कर रही है। इससे कीमतों में भारी गिरावट आएगी और आम जनता को जेब पर राहत का बड़ा तोहफा मिलेगा।
दिवाली से पहले सरकार का बड़ा तोहफा
भारत में दोपहिया वाहन आम आदमी के जीवन का अहम हिस्सा हैं। रोजाना ऑफिस, कॉलेज, स्कूल या छोटे-मोटे कामों के लिए लोग बाइकों और स्कूटर्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन बढ़ती कीमतें लोगों की जेब पर भारी पड़ रही थीं। अब सरकार दिवाली तक जनता को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। रिपोर्ट्स के अनुसार, टू-व्हीलर पर लगने वाला GST घटाकर 28-31% से सीधे 18% किया जा सकता है।
वर्तमान स्थिति
फिलहाल पेट्रोल से चलने वाले टू-व्हीलर पर 28% GST लगता है। वहीं 350cc से ज्यादा इंजन वाली बाइकों पर 3% अतिरिक्त सेस लगता है, जिससे कुल टैक्स 31% हो जाता है। इस वजह से बाइक और स्कूटर की कीमतें काफी बढ़ जाती हैं और आम लोगों को इसे खरीदना महंगा पड़ता है।
नया बदलाव क्या होगा?
सरकार GST 2.0 के तहत पूरे टैक्स ढांचे को सरल बनाने की तैयारी कर रही है। मौजूदा 12% और 28% वाली दरें खत्म कर दी जाएंगी और सिर्फ दो टैक्स स्लैब रह जाएंगे। इनमें पहला होगा 5% (जरूरी सामान के लिए) और दूसरा होगा 18% (स्टैंडर्ड गुड्स के लिए)। यानी टू-व्हीलर पर सीधा 18% GST लागू होगा।
क्यों जरूरी है यह कदम?
दोपहिया वाहन भारत में सिर्फ सुविधा का साधन नहीं, बल्कि जरूरत हैं। गांवों और छोटे शहरों में यह लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। लंबे समय से ऑटोमोबाइल सेक्टर सरकार से मांग कर रहा था कि टू-व्हीलर को "लक्जरी आइटम" की बजाय "जरूरी साधन" माना जाए। SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) ने कई बार सुझाव दिया था कि टू-व्हीलर पर GST दर को घटाकर 18% किया जाए। हीरो मोटोकॉर्प और होंडा जैसी बड़ी कंपनियों ने भी यह मांग उठाई थी।
ग्राहकों को फायदा
अगर यह फैसला लागू होता है, तो आम ग्राहकों को सबसे बड़ा फायदा होगा। बाइक और स्कूटर की कीमतें घट जाएंगी, जिससे मिडिल क्लास और ग्रामीण ग्राहकों के लिए गाड़ियां खरीदना आसान हो जाएगा। साथ ही, किश्तों पर भी कम बोझ पड़ेगा, जिससे ज्यादा लोग नई बाइक लेने के लिए प्रेरित होंगे।
कंपनियों को लाभ
कंपनियों के लिए भी यह कदम बेहद सकारात्मक साबित होगा। कम कीमतों के चलते बिक्री में बंपर उछाल आएगा। खासकर ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में, जहां अब तक महंगाई की वजह से लोग बाइक लेने से कतराते थे, वहां खरीदारी बढ़ जाएगी। इससे ऑटो सेक्टर में नई जान आएगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
अर्थव्यवस्था पर असर
बिक्री बढ़ने से बाजार में कैश फ्लो बढ़ेगा। इससे सरकार को भी अप्रत्यक्ष करों के जरिए राजस्व मिलेगा। जब कंपनियों की बिक्री बढ़ेगी तो उत्पादन भी बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। यह अर्थव्यवस्था के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा।
ग्रामीण भारत को सबसे बड़ा लाभ
भारत की आधी से ज्यादा आबादी गांवों में रहती है और वहां दोपहिया वाहन सबसे भरोसेमंद साधन हैं। स्कूल, कॉलेज, खेत और बाजार जाने के लिए लोग स्कूटर और बाइक पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में अगर कीमतें कम होंगी तो ग्रामीण बाजार में बिक्री तेजी से बढ़ेगी।
दिवाली पर डबल गिफ्ट
अगर यह बदलाव दिवाली तक लागू हो गया, तो यह ग्राहकों के लिए डबल गिफ्ट साबित होगा। एक तरफ त्योहार पर नई बाइक खरीदने का मौका मिलेगा और दूसरी ओर जेब पर बोझ भी कम होगा। ऑटो कंपनियां भी दिवाली सेल्स के दौरान स्पेशल ऑफर और डिस्काउंट देती हैं। ऐसे में ग्राहकों को अतिरिक्त फायदा मिलेगा।
चुनौतियां भी मौजूद
हालांकि, सरकार को टैक्स दर घटाने से राजस्व में कमी का डर भी है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बिक्री बढ़ने से यह घाटा पूरा हो जाएगा। साथ ही, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में सरकार को पेट्रोल वाहनों पर टैक्स घटाकर बैलेंस बनाने की जरूरत है।