अमेरिका को निर्यात में गिरावट, लेकिन भारत का कुल एक्सपोर्ट 6.75% बढ़ा — नए बाजारों में बढ़ी पकड़

 नई दिल्ली 

अमेरिका (America) ने भारतीय प्रोडक्ट्स पर 50 फीसदी का टैरिफ (Tariff) लगाया है, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की 'दबाव नीति' के तहत भारत पर एकतरफा 50 फीसदी टैरिफ थोपा गया. लेकिन अब अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने ही इसकी हवा निकाल दी है. 

दरअसल, अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) की रिपोर्ट को मानें, तो अमेरिका द्वारा कुछ भारतीय प्रोडक्ट्स पर 50% तक के टैरिफ लगाने के बावजूद भारत अपने एक्सपोर्ट को बढ़ाने में सफल रहा है. सितंबर महीने में भारत का कुल निर्यात 6.75% बढ़ा, जबकि अमेरिका को भेजे गए सामान में 11.9% की गिरावट दर्ज की आई. यह दर्शाता है कि भारत ने अमेरिका-केंद्रित व्यापार निर्भरता को कम कर दूसरे बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ा ली है. यानी भारत अब केवल अमेरिका के भरोसे नहीं रहने वाला है.

दुनिया में भारत का डंका

वैश्विक ट्रेड तनाव और महंगाई जैसी चुनौतियों के बीच भी Moody’s Ratings ने भारत की अर्थव्यवस्था के प्रति अपना पॉजीटिव रुख दिखाया है. अपनी 'Global Macro Outlook 2026-27' रिपोर्ट में एजेंसी ने यह अनुमान लगाया है कि भारतीय इकोनॉमी अगले दो वर्षों तक सालाना लगभग 6.5% की विकास दर के साथ बढ़ती रहेगी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत इस अवधि में G-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनी रहने की संभावना रखता है.

 भारतीय अर्थव्यवस्था में मजबूती के पीछे मुख्यतौर पर तीन कारण हैं: 
(i) लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश. 
(ii) घरेलू उपभोक्ता मांग का मजबूत होना.
(iii) एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने की रणनीति पर काम. 

भारतीय इकोनॉमी में मजबूती के पीछे महंगाई पर काबू और ब्याज दरों में कटौती की अहम भूमिका रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि Reserve Bank of India ने अक्टूबर में रेपो दर स्थिर रखी, जो यह संकेत देता है कि महंगाई नियंत्रित है और अब विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है. इस बीच विदेशी निवेशकों के नजरिये में भी भारत को लेकर सकारात्मक रुख रहा है. 

बता दें, जहां मूडीज ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर 6.5 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है, वहीं  वैश्विक जीडीपी में 2026-27 के दौरान सिर्फ 2.5-2.6% तक रहने का अनुमान है. जबकि उभरती अर्थव्यवस्थाएं करीब 4% की दर तक बढ़ सकती हैं.

हालांकि मूडीज की रिपोर्ट ने यह भी चेतावनी दी है कि प्राइवेट सेक्टर की निवेश गतिविधि अभी पूरी तरह सक्रिय नहीं हुई है. लेकिन घरेलू डिमांड मजबूत है. मूडीज (Moody’s) एक अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी है, इसकी रिपोर्ट पर निवेशक भरोसा करते हैं. इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है और यह 1909 में जॉन मूडी द्वारा स्थापित की गई थी. 

घरेलू डिमांड, विदेशी निवेश मजबूत
मूडीज की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मज़बूत विदेशी पूंजी प्रवाह और पॉजिटिव इन्वेस्टर सेंटीमेंट ने भारत को बाहरी झटकों से निपटने के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान की है, जिससे लिक्विडिटी बनाए रखने में बड़ी मदद मिली है. हालांकि घरेलू डिमांड अभी भी ग्रोथ का मुख्य इंजन बनी हुई है. मूडीज़ ने कहा है कि निजी क्षेत्र का पूंजीगत व्यय अभी भी धीमा है और बड़े पैमाने पर व्यावसायिक निवेश अभी पूरी तरह से नहीं उबर पाया है. 

 

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