पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आपातकाल घोषित, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद हालात तनावपूर्ण

कराची
भारतीय सेना द्वारा बुधवार तड़के 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में खलबली मची हुई है. इस बीच पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है. भारत का यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में था. उस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई थी.
आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर की गई भारतीय स्ट्राइक में अब तक 26 लोगों की मौत और 46 से अधिक घायल होने की पुष्टि पाकिस्तानी सेना ने की है. भारत ने ये स्ट्राइक पंजाब प्रांत और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में की.
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पूरे प्रांत में आपातकाल (Emergency) की घोषणा कर दी है. सरकारी बयान के अनुसार, सभी शैक्षणिक संस्थानों को बुधवार के लिए बंद कर दिया गया है.
पंजाब में हाई अलर्ट
बयान में कहा गया है कि पंजाब पुलिस सहित सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. सभी जिलों की प्रशासनिक इकाइयों को सतर्क कर दिया गया है. साथ ही, सभी डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और उन्हें तुरंत ड्यूटी पर लौटने का आदेश दिया गया है.
सिविल डिफेंस समेत सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी तलब किया गया है ताकि राहत और बचाव कार्य में कोई कमी न रहे. हमलों के तुरंत बाद पाकिस्तान ने अपने हवाई क्षेत्र को पूरी तरह बंद कर दिया था, जिसे अब आंशिक रूप से खोला जा रहा है.
भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' में जिन नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें से अधिकतर वही थे जहां से भारत में आतंकी हमलों की साजिश रची जाती थी.
भारत ने किए नौ सटीक हमले
आपको बता दें कि देर रात भारतीय सशस्त्र बलों ने नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ पंजाब का बहावलपुर भी शामिल है.एक प्रेस ब्रीफिंग में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि 'भारत की कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और गैर-बढ़ावा देने वाली रही है.' उन्होंने कहा कि पहलगाम का हमला अत्यधिक बर्बरतापूर्ण था.
इस दौरान कर्नल सोफ़िया कुरैशी ने बताया कि भारत के सशस्त्र बलों ने 6-7 मई 2025 की रात 1 बजकर 5 मिनट से 1.30 बजे के बीच 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया. उन्होंने बताया, "ये ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकवादी हमले के शिकार मासूम नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए लॉन्च किया गया था. इस कार्रवाई में ना तो सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया और ना ही आम लोगों को. नौ आतंकवादी शिविरों को टारगेट किया गया और पूरी तरह से इन्हें तबाह कर दिया गया."