पाकिस्तान के पंजाब में निजी क्षेत्र के हवाले शिक्षा व्यवस्था, सरकारी शिक्षकों के 44,000 पद समाप्त

लाहौर
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में शिक्षा विभाग ने 'निजी क्षेत्र को आउटसोर्सिंग कैंपेन' के तहत सरकारी स्कूल के शिक्षकों के 44,000 पद समाप्त कर दिए। शिक्षकों का कहना है कि इस फैसले से युवाओं में बेरोजगारी बढ़ेगी, जो पहले से ही निजी क्षेत्र में वेतन कटौती, नौकरी छूटने और छंटनी के कारण परेशान हो रहे हैं। पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, अब निजी क्षेत्र के मालिकों पर निर्भर होगा कि वे अपनी नीति के अनुसार शिक्षकों की नियुक्ति करें। स्कूल शिक्षिका हुमैरा ने कहा, "निजी क्षेत्र पहले से ही कर्मचारियों की संख्या में कटौती कर रहा है, रखे गए लोगों के वेतन में कटौती कर रहा है। लाखों कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। वे इसका कारण बताते हैं कि व्यापार में घाटे के कारण उन्हें न्यूनतम कटौती करनी पड़ रही है।"
हुमैरा ने कहा, "यह देखना चौंकाने वाला है कि सरकार संस्थानों का निजीकरण कर रही है। मैं एक निजी स्कूल में शिक्षिका के रूप में काम करती हूं। मैं जानती हूं कि यह कितना कठिन है। हम पर अधिक काम का बोझ डाला जा रहा है। हमें चेतावनी दी जा रही है कि अगर हम आधे वेतन पर दोगुना काम नहीं करेंगे तो हमारी छंटनी कर दी जाएगी, और यह भी नहीं भूलना चाहिए कि हमें समय पर भुगतान भी नहीं किया जाता है।" पंजाब शिक्षा विभाग का यह ताजा फैसला ऐसे समय में आया, जब हजारों युवा ग्रेजुएट सरकारी क्षेत्र के संस्थानों में भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे थे।
शिक्षक संघ सरकार से मांग कर रहे हैं कि वह भर्ती शुरू करे और रिक्त पदों को भरे, जो पिछले सात वर्षों से लंबित हैं।
पंजाब प्रांत के सरकारी स्कूलों में 2018 में आखिरी भर्ती अभियान के बाद से कम से कम 1,00,000 शिक्षकों की कमी है। सरकारी स्कूल के शिक्षक मिशाल ने कहा, "सरकारी स्कूलों में 100,000 या उससे अधिक शिक्षकों की कमी ने छात्रों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। और अब, 44,000 नौकरियों के खत्म होने से समग्र शिक्षा प्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।" आंकड़े बताते हैं कि 2021-22 में पाकिस्तान में कम से कम 26.2 मिलियन बच्चे स्कूल नहीं जा रहे थे। इसके अलावा, 2023 के लिए पाकिस्तान की बेरोजगारी दर 5.41 प्रतिशत थी। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में कम से कम 4.5 मिलियन लोग बेरोज़गार हैं, जबकि 2024 के दौरान बेरोजगारी दर बढ़कर कम से कम 6.3 प्रतिशत हो गई है।

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