डिप्टी सीएम ने बताया- कोविड कर्मियों के समायोजन को मिली हरी झंडी

लखनऊ
देश भर में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। इस बीच डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने एक महत्वपूर्ण जानकारी दी है। कोविड महामारी के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में अस्थाई, अल्पकालिक, संविदा एवं आउटसोर्स मानव संसाधन के पदों पर कार्यरत कर्मियों के विभागीय समायोजन को हरी झंडी मिल गई है। ये वे कर्मचारी हैं, जो पिछले समायोजन में रह गए थे। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों में इन कर्मियों का समायोजन किया जा रहा है। इससे पहले कई कर्मियों का विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों में समायोजन हो चुका है।

ब्रजेश पाठक ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान प्रदेशभर से कार्मिकों को विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों में अस्थाई रूप से भर्ती किया गया था। कुछ समय पहले से इन कार्मिकों से कार्य नहीं लिया जा रहा है। इन कर्मचारियों की मांग के आधार पर विभिन्न जनपदों में 1834 कर्मचारियों को समाहित कर लिया गया था। शेष 676 कर्मचारियों को समाहित करने के निर्देश मंगलवार को जारी कर दिए गए हैं। डिप्टी सीएम ने बताया कि इन कर्मचारियों को जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा अगले एक माह में समाहित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों (अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति), सभी प्रधानाचार्य, राजकीय-स्वशासी मेडिकल कॉलेज, सभी सीएमओ को इस संबंध में पत्र भेजा गया है।

योग्यतानुसार तैनाती
पत्र के अनुसार योग्यता के हिसाब से कार्मिकों को काम मिलेगा। जिन ब्लॉकों में ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट स्थापित किए गए हैं वहां डाटा एनालिस्ट, लैब असिस्टेंट, ऑपरेशन थिएटर टेक्नीशियन, आयुष एमओ, बीडीएस एमओ, स्वीपर, वार्ड ब्वॉय, वार्ड आया तैनात किए जाएंगे।

सिर्फ कोविड कर्मी रखें
पत्र के अनुसार किसी जिले में आवश्यक रिक्तियां नहीं हैं तो इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा तत्काल अपने मंडलीय अपर निदेशक को सूचित किया जाए। पत्र में यह भी स्पष्ट किया जा रहा है कि कोविड के दौरान काम करने वाले कार्मिकों के अतिरिक्त किसी अन्य कार्मिक को इन पदों पर न रखा जाए।

स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि प्रदेश में कहीं कोई पैनिक की स्थिति नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार का कोरोना वैरिएंट उतना खतरनाक नहीं है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग हर स्थित से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

 

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