गोपाल मंदिर और इस्कॉन में उमड़ी भीड़, जन्माष्टमी पर भक्तों ने किए कान्हा के दर्शन

उज्जैन
धर्मधानी उज्जैन में आज इस्कान, सांदीपनि आश्रम व गोपाल मंदिर में एक साथ जन्माष्टमी मनाई जा रही है। सालों बाद शैव व वैष्णव मत के धर्मावलंबी एक साथ मिलकर श्रीकृष्ण जन्म का उत्सव मना रहे हैं। मंदिरों में रात 11 बजे से बाल गोपाल का महाअभिषेक होगा। रात 12 बजे शंख, मृदंग व घंटे घड़ियाल की मंगल ध्वनि के साथ महाआरती की जाएगी। भक्तों को पंजेरी महाप्रसादी का विरतण होगा। मंदिरों में सुबह से ही कान्हा के दर्शन के लिए भक्त पहुंच रहे हैं।

इस्कॉन मंदिर सुबह नूतन पोशाक में भगवान के मनोहारी दर्शन हो रहे हैं। दिनभर भजन कीर्तन चलेंगे। शाम 5 बजे से अभिषेक प्रारंभ होगा। भक्त अपने हाथों से भगवान का अभिषेक कर सकेंगे। रात 10.30 बजे भगवान का महाअभिषेक तथा रात 12 बजे महाआरती की जाएगी। 17 अगस्त को नंद उत्सव मनाया जाएगा।
 
मोरपंख से सजी श्रीकृष्ण की पाठशाला
भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में जन्माष्टमी पर बड़ी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। पुजारी परिवार द्वारा श्रीकृष्ण की पाठशाला को मोरपंखों से सजाया जा गया है। सुबह 7 बजे से भक्तों के दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया है, जो रात 11.30 बजे तक चलेगा। मंदिर में सुगम दर्शन व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं। भक्तों को दिनभर पंजेरी महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा। रात 11.30 बजे से महाअभिषेक शुरू होगा। रात 12 बजे भगवान महाआरती होगी।

गोपाल मंदिर में रात 2 बजे तक दर्शन
सिंधिया देव स्थान ट्रस्ट के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर में भी श्रीकृष्ण जन्म को लेकर विशेष तैयारी की गई है। यहां भी श्रद्धालु भगवान राधा-कृष्ण के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। शाम को संध्या आरती के बाद मंदिर के पट बंद होंगे तथा भगवान का महाअभिषेक किया जाएगा। रात 12 बजे मंदिर के पट खुलेंगे तथा जन्म आरती की जाएगी। इसके बाद रात 2 बजे तक भक्त भगवान के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर सकेंगे।

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