धमकी से बवाल: भाजपा समर्थकों पर आपत्तिजनक टिप्पणी, हुमायूं कबीर का पुराना विवादों से रिश्ता फिर चर्चा में

कोलकाता 
बाबरी जैसी मस्जिद बनाने का ऐलान करने वाले विधायक हुमायूं कबीर को TMC ने निलंबित कर दिया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब उनके खिलाफ इस तरह का ऐक्शन लिया गया है। 62 साल के कबीर का राजनीतिक करियर कई विवादों से भरा रहा है। एक मौके पर उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों को नदी में फेंकने तक का ऐलान कर दिया था।

कबीर ने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से हुई थी। तब उन्होंने पंचायत चुनाव लड़ा था। उन्हें कांग्रेस के पूर्व सांसद अधीर रंजन चौधरी का करीबी माना जाता था। लेकिन 20 नवंबर 2012 में उन्होंने अलग होकर टीएमसी का दामन थाम लिया था। खास बात है कि उस दौरान टीएमसी लेफ्ट का 34 साल का शासन खत्म कर सत्ता में आई थी।

टीएमसी में एंट्री के बाद उन्हें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कैबिनेट में मंत्री बनाया गया था। हालांकि, 3 सालों में ही उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में टीएमसी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था। साल 2018 में वह भाजपा में आए और 2021 में दोबारा टीएमसी में लौट गए। खबर है कि वह इस दौरान समाजवादी पार्टी में भी कुछ समय रहे और निर्दलीय चुनाव भी लड़ चुके हैं।

टीएमसी में विवादों में रहे
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2024 में लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान कबीर ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मुर्शिदाबाद में मुस्लिम आबादी 70 फीसदी है और हिंदू सिर्फ 30 प्रतिशत हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि वह भाजपा समर्थकों को भागीरथी नदी में फेंक देंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कहा था, 'अगर मैं भाजपा (समर्थकों) को 2 घंटों के अंदर भागीरथी गंगा में नहीं फेंक पाया, तो राजनीति छोड़ दूंगा। मैं तुम लोगों को शक्तिपुर में नहीं रहने दूंगा। अगर तुम्हें लगता है कि मुर्शिदाबाद में सिर्फ 30 फीसदी लोग हैं। हम 70 फीसदी हैं।' इस साल 13 मार्च को भी विधायक कबीर के नाम पर टीएमसी की अनुशासनात्मक समिति ने शोकॉज नोटिस थमा दिया था। उनपर राज्य में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को धमकी देने के आरोप लगे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2015 में उन्हें टीएमसी ने बाहर कर दिया था।

अब नई पार्टी बनाने की तैयारी
पीटीआई भाषा के अनुसार, निलंबन के कुछ ही देर बाद कबीर ने घोषणा की कि वह विधायक पद से इस्तीफा दे देंगे, इस महीने के अंत में अपनी पार्टी बनाएंगे और प्रस्तावित कार्यक्रम को बढ़ाएंगे, भले ही इसके लिए उन्हें ‘गिरफ्तार’ किया जाए या मार ही क्यों न दिया जाए। तृणमूल के वरिष्ठ नेता फिरहाद हाकिम ने कोलकाता में निलंबन की घोषणा करते हुए कहा कि इस फैसले पर मुख्यमंत्री ने मुहर लगाई है। हाकिम ने कहा, 'कबीर सांप्रदायिक राजनीति में लिप्त हैं और तृणमूल इसके सख्त खिलाफ है। तृणमूल कांग्रेस सांप्रदायिक राजनीति में विश्वास नहीं रखती। अब उनका पार्टी के साथ कोई संबंध नहीं है।'

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button