कांग्रेस ने जारी किया 2013 की अपेक्षा 2023 में वस्तुओं के बढ़े मूल्य की सूची

रायपुर

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने देश में बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि महंगी गैस, महंगा तेल, थोक और खुदरा महंगाई आजादी के बाद सर्वोच्च शिखर पर है, सिर्फ सत्ता की भूख में मोदी सरकार आम जनता की कमर तोड़ रही है, फिर भी महंगाई से देशवासियों को लूटने का कोई भी अवसर नहीं छोड़ रही है।

पेट्रोल-डीजल 100 के पार, रसोई गैस 1177, खाने का तेल 200 के पार। आम जनता बेबस और लाचार है पर मोदी सरकार केवल अपने चंद पूंजीपति मित्रों के मुनाफे की सोच रही है। मोदी सरकार ने पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी विगत 7 साल में 258 परसेंट बढ़ाया है और डीजल पर 820 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। इन तमाम आंकड़ों के बावजूद मोदी सरकार द्वारा महंगाई को झूठलाया जाना यह प्रदर्शित करता है कि महंगाई को काबू करना मोदी सरकार के बस में नहीं है।

2013 में कांग्रेस की मनमोहन सरकार के समय राशन सामाग्री और पेट्रोल-डीजल के दाम और वर्तमान मोदी सरकार के समय आवश्यक वस्तुओं की कीमतें
                               2013                      2023
आटा (10 किलो)         210 रुपये                440  रुपये
चावल                       30-36 रु. किलो        50-65  रु. किलो
फूल क्रीम दूध             39  रुपये                66  रुपये
देसी घी                     300  रुपये              875  रुपये
सरसों तेल                 52  रुपये                260  रुपये
अरहर दाल                70-80 रुपये            160-170  रुपये
रसोई गैस                 410  रुपये              1177  रुपये
पेट्रोल                      66  रुपये                97  रुपये
डीजल                      52  रुपये               92  रुपये
रिफाइंड तेल              68  रुपये               148  रुपये
फल्लीदाना               60  रुपये               135  रुपये
उड़द दाल                64  रुपये                120  रुपये
मूंग दाल                 62  रुपये                130  रुपये
मसूर दाल               47  रुपये                90  रुपये
चना दाल                40  रुपये                66  रुपये
जीरा                      220  रुपये              450  रुपये
गेंहू                        22  रुपये                32-36  रुपये

विभिन्न साबुनों मे 22 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुआ
दवाई में 32 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हो गया

मरकाम ने कहा है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है। देश की जीडीपी 8.2 से गिरकर 5.7 हो गयी है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय व्यापार संतुलन बिगड?े से आयात पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। देश पर कुल कर्ज का भार 3 गुना बढ़ चुका है। विगत 12 महीनों में डॉलर के मुकाबले रुपए का मूल्य 12 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है।

मोदी राज में विगत एक माह में ही विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 26 बिलियन डालर कम हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल 2014 की तुलना में 20 परसेंट कम होने के बावजूद डीजल और पेट्रोल 30 से 40 रूपए प्रति लीटर महंगे बेचे जा रहे हैं। थोक और खुदरा महंगाई दर आरबीआई द्वारा तय सीमा से लगातार ऊपर है लेकिन मोदी सरकार का फोकस केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है।

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