आतंक की आग में झुलसा कांगो, चर्च पर हमला कर 21 लोगों को मार डाला

कांगो
पूर्वी कांगो के कोमांडा में रविवार को इस्लामिक स्टेट समर्थित विद्रोहियों द्वारा एक चर्च पर किए गए हमले में कम से कम 21 लोग मारे गए. समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक यह हमला एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्स (ADF) के सदस्यों द्वारा कोमांडा में एक कैथोलिक चर्च के परिसर के अंदर रात के लगभग 1 बजे किया गया.
कोमांडा में सिविल सोसाइटी को-ऑर्डिनेटर, डियूडोने डुरानथाबो ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया, '21 से ज्यादा लोगों को अंदर और बाहर गोली मार दी गई और हमने कम से कम तीन जले हुए शव और कई घरों के जल जाने की सूचना दी है. जलाए गए घरों में और किसी के होने को लेकर तलाश जारी है.'
डुरानथाबो ने कहा, 'हम सचमुच निराश हैं क्योंकि यह अविश्वसनीय है कि ऐसे शहर में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है जहां सभी सुरक्षा अधिकारी मौजूद हैं.' उन्होंने आगे कहा, 'कुछ नागरिक इलाके से भागने लगे हैं और बुनिया की ओर बढ़ रहे हैं. हम यथाशीघ्र सैन्य हस्तक्षेप की मांग करते हैं, क्योंकि हमें बताया गया है कि दुश्मन अभी भी हमारे शहर के निकट है.'
एडीएफ नागरिकों को बनाता है निशाना
कांगो सेना के प्रवक्ता ने 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है. इतुरी में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो की सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जूल्स एनगोंगो ने कहा, 'आज सुबह हमें पता चला कि कोमांडा से कुछ ही दूरी पर एक चर्च में हथियारबंद लोगों ने घुसपैठ की, जहां लगभग 10 लोगों की हत्या कर दी गई और कुछ दुकानों में आग लगा दी गई.'
इस महीने की शुरुआत में, इस्लामिक स्टेट समर्थित विद्रोहियों ने इतुरी में दर्जनों लोगों की हत्या कर दी थी, जिसे संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने रक्तपात बताया था. एडीएफ, जिसका इस्लामिक स्टेट से संबंध है, एक विद्रोही समूह है जो युगांडा और कांगो के बीच सीमा क्षेत्र में सक्रिय है. यह समूह नियमित रूप से नागरिकों पर हमले करता रहा है.
एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्स 1990 में बना
एडीएफ का गठन 1990 के दशक के अंत में युगांडा में राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी के साथ कथित असंतोष के बाद अलग-अलग छोटे समूहों द्वारा किया गया था. युगांडा की सेनाओं द्वारा 2002 में हमलों के बाद, एडीएफ ने अपनी गतिविधियां पड़ोसी देश कांगो में शुरू कर दीं और तब से यह समूह हजारों नागरिकों की हत्याओं के लिए जिम्मेदार रहा है. 2019 में, इसने इस्लामिक स्टेट के प्रति निष्ठा की शपथ ली. एडीएफ का नेतृत्व इस पूर्वी अफ्रीकी देश में एक इस्लामी सरकार की कल्पना करता है.