लाखों की लागत से बने सामुदायिक के शौचालयों में कई साल से लटक रहे ताले

लाखों की लागत से बने सामुदायिक के शौचालयों में कई साल से लटक रहे ताले
जनकपुर
जनपद क्षेत्र मिली जानकारी के अनुसारभरतपुर में कई सामुदायिक शौचालय अपूर्ण हैं क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्माण तो हुआ है, लेकिन संचालन और रखरखाव की कमी है,जिससे कई शौचालयअनुपयोगी हैंभ्रष्टाचार के कारण भी निर्माण कार्य बाधित हुआ है, जिसके चलते शौचालयों में ताले लगे हैं एमसीबी जिला का है जहां अविभाजित कोरिया जिला अंतर्गत जनपद क्षेत्र भरतपुर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कुल 53 सामुदायिक शौचालय की स्वीकृति दिनांक 8 दिसम्बर 2020 को मिली थी। जहां प्रति सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की लागत 4 लाख 40 हजार रूपए थी। जिसमें 3 दुकान के साथ सामुदायिक शौचालय भी बनना था। जिसकी निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत थी। कागज़ों में निर्माण कार्य पूर्ण दिखाकर राशि ख़र्च कर दिया गया। मगर जमीनी हकीकत कुछ और ही है। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि जहां जनपद क्षेत्र भरतपुर अंतर्गत लगभग 50 सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य आज भी अधूरा है क्योंकि किसी सामुदायिक शौचालय में पानी की सुविधा नहीं है क्योंकि किसी सामुदायिक शौचालय में पानी की टंकी नहीं लगाई गई। और बिना पानी के शौचालय का होना व्यर्थ है। जनकपुर,ककलेडी,मसर्रा,बेनीपुरा,चुटकी,तिलौली,चांटी, च्यूल, सेमरिया,जैंती,बरहोरी,फूलझर,कुवांरपुर,खमरौध , ,जुईली,घघरा , अक्तवार जैसे कई ग्राम पंचायत में बने सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य आज भी अधूरा है।
इनका कहना है
मुख्य कार्यपालन अधिकारी भरतपुर अजय सिंह राठौर का कहना है कि जांच करवाता हूं। निर्माण के समय जो सचिव ग्राम पंचायत पर पदस्थ थे उनसे जानकारी लेकर कार्य पूर्ण करवाने को कहा जाएगा।