नगरीय क्षेत्रों में सेप्टिक टेंकों की सफाई का कार्य मशीनीकृत, प्रदेश में प्रकाशित हुई उपयोगिता जल सेप्टेज प्रबंधन नीति

भोपाल
मध्यप्रदेश कम लागत पर सीवेट ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के लिये इंसेप्शन एण्ड डायवर्सन आधारित सीवरेज उपचार प्रणाली के लिये मॉडल रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल और दिशा-निर्देश तैयार करने वाला पहला राज्‍य है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने प्रदेश के नगरीय निकायों के लिये उपयोगिता जल और सेप्टेज प्रबंधन नीति प्रकाशित की है। इस नीति के माध्यम से प्रदेश में सीवर और सेप्टिक टेंकों की सफाई का कार्य मशीनीकृत तरीके से सुनिश्चित किया जा रहा है।

शत-प्रतिशत कचरा संग्रहण व्यवस्था का संचालन
नगरीय क्षेत्रों में करीब 7100 से अधिक मोटराइज्ड वाहनों से 100 प्रतिशत कचरा संग्रहण व्यवस्था का संचालन किया जा रहा है। जिनमें सूखे, गीले, घरेलू, हानिकारक एवं सेनेटरी अपशिष्ट को अलग-अलग रखने के कंपार्टमेंट बनाये गये हैं। जिनमें जीपीएस और पीए सिस्टम से वाहनों की निगरानी एवं स्वच्छता विषयों व संदेशों का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। गीले कचरे के प्र-संस्करण और निष्पादन के लिये होम अथवा स्पॉट कम्पोस्टिंग को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश में 850 से अधिक थोक अपशिष्ट उत्पादकों द्वारा स्पॉट कंपोस्टिंग की जा रही है। प्रदेश में फीकल स्लज के निष्पादन को प्राथमिकता के साथ शामिल करते हुए 368 नगरीय निकायों में 399 एफएसटीपी और 20 निकायों में 55 एसटीपी संचालित हो रहे हैं।

प्रदेश में 401 नगरीय निकायों में 368 केन्द्रिकृत इकाइयों से कम्पोस्टिंग का कार्य कर रहे हैं। सूखे कचरे के प्र-संस्करण के लिये 401 नगरीय निकायों में 360 मटेरियल रिकवरी फेसलिटी इकाइयों का निर्माण किया गया है। राज्य के जिन नगर निगम क्षेत्रों में मेकेनिकल ट्रांसफर स्टेशन और प्र-संस्करण इकाइयों का निर्माण किया गया है, वहीं दूसरी ओर छोटे नगरीय निकायों में भी कंपोस्ट और प्र-संस्कृत अपशिष्ट के विक्रय से आय प्राप्त की जा रही है। निकायों में लीगेसी वेस्ट को वैज्ञानिक तरीके से समाप्त करने की दिशा में लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इसी दृष्टिकोण से 108 नगरीय निकायों के लीगेसी वेस्ट का उपचार किया जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के पहले चरण में 50 नगरीय निकायों ने अपने लीगेसी वेस्ट पूरी तरह से निप्टान कर लिया है। प्रदेश में 5 एकीकृत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन क्लस्टर्स के तहत 60 नगरीय निकायों को कवर किया गया है। इसके अलावा 316 नगरीय निकायों में स्टेंड अलोन परियोजना के क्रियान्वयन के लिये कार्यवाही की जा रही है।

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