2500 कुत्तों की हत्या और दफनाने का दावा, कर्नाटक MLC का बयान विवादों में

बेंगलूरो
कर्नाटक विधान परिषद में जेडीएस के सदस्य एसएल भोजेगौड़ा (JDS) ने सदन में चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि उन्होंने चिक्कमगलुरु नगर परिषद अध्यक्ष रहते हुए 2,500 आवारा कुत्तों को मरवाकर पेड़ों के नीचे दफनाया। सदन में आवारा कुत्तों के मुद्दे पर चर्चा के दौरान भोजेगौड़ा ने कहा, “नगर परिषद अध्यक्ष के रूप में मेरे कार्यकाल में हमने 2,500 कुत्तों को मारवाकर पेड़ों के नीचे दफना दिया, ताकि वे प्राकृतिक खाद बन सकें।” हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किस अवधि की बात कर रहे हैं। भोजेगौड़ा कई वर्षों से विधान परिषद के सदस्य हैं।
आपको बता दें कि कर्नाटक में इस साल अब तक कर्नाटक में 2.4 लाख डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए हैं। 19 लोगों की मौत रेबीज से हो चुकी है। नगर प्रशासन मंत्री रहीम खान ने कहा कि वर्तमान नियम केवल आवारा कुत्तों की बधियाकरण और टीकाकरण की अनुमति देते हैं, न कि उन्हें मारने की। भोजेगौड़ा ने आगे कहा, “अगर कोई सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने का विरोध करता है तो सरकार को उनके घरों में 10-10 कुत्ते छोड़ देने चाहिए।”
वहीं,कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा है कि आवारा कुत्तों को खतरनाक मानकर उन्हें हटाना शासन नहीं, बल्कि क्रूरता है। उनकी यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को सभी आवारा कुत्तों को सड़कों से जल्द से जल्द स्थायी रूप से आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के निर्देश देने के बाद आई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि आवारा कुत्तों के काटने से खासकर बच्चों में रेबीज होने का खतरा रहता है जो बेहद गंभीर स्थिति है।
सिद्धरमैया ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट लिखा, ‘‘आवारा कुत्तों को उपद्रवी मानकर उन्हें हटाना शासन नहीं, बल्कि क्रूरता है। मानवीय समाज ऐसे समाधान खोजते हैं जो लोगों और जानवरों की रक्षा करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘बांध्याकरण, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल कारगर होती है। भय से प्रेरित उपाय केवल पीड़ा बढ़ाते हैं, सुरक्षा नहीं।’’
मुख्यमंत्री का यह पोस्ट कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस पोस्ट पर प्रतिक्रिया के रूप में सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का उच्चतम न्यायालय का निर्देश दशकों पुरानी मानवीय और विज्ञान-समर्थित नीति से एक कदम पीछे है। कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘‘पूरी तरह से आवारा कुत्तों को हटाने का निर्देश क्रूर, अदूरदर्शी है और इसमें करुणा का अभाव है।’’