मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा- गुरुकुल परम्परा को आत्मसात कर हम फिर से बनेंगे विश्व गुरु

भोपाल
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अंधेरे से प्रकाश की ओर ले जाने वाला गुरु ही होता है। गुरु अपने विद्यार्थी में निहित अनंत संभावनाओं को पहचान कर इसका चारित्रिक एवं शैक्षणिक विकास करते हैं। हमारी पुरातन गुरुकुल परम्परा आज भी प्रासंगिक है। आज कई विकसित देश हमारी पुरानी गुरुकुल परम्परा को अपनाकर अपने बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। हमें भी पुन: उसी गुरुकुल परम्परा से जुड़ना होगा, तभी हमारा देश फिर से विश्व गुरु बन सकेगा। हम प्रदेश में क्लास के अंदर और क्लास के बाहर भी विद्यार्थियों को जीवन एवं नैतिक मूल्य तथा व्यावहारिक शिक्षा देकर उनके समग्र विकास की ओर बढ़ रहे हैं। मजबूत इरादों और शैक्षणिक गुणवत्ता में आमूल-चूल सुधार लाकर हम प्रदेश को शिक्षा के मामले में देश का एक मॉडल एजुकेशन स्टेट बनायेंगे। इसमें शिक्षकों की बड़ी अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रविवार को कलेक्टर कार्यालय, उज्जैन के एनआईसी से वर्चुअली जुड़कर स्टार्स प्रोजेक्ट के तहत अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक भ्रमण के लिए सिंगापुर जाने वाले चयनित शिक्षकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक हमारे लिए सदैव पूजनीय हैं, हम विकसित भारत और विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण में उनकी अनंत क्षमताओं और सुदीर्घ अनुभवों का प्रदेश के शैक्षणिक विकास एवं विस्तार में अधिकतम सदुपयोग करेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शैक्षणिक परिदृश्य में हमारा इतिहास समृद्ध रहा है। नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला विश्वविद्यालयों एवं उज्जैन के सांदीपनी आश्रम सहित अन्य विश्वविख्यात शैक्षणिक संस्थाओं ने तत्कालीन समय में उच्चकोटि की शिक्षा देकर राष्ट्र को उपकृत किया। तत्समय गुरुओं में अपने विद्यार्थियों के कला-कौशल को पहचनाने की। एक दृष्टि होती थी, यही कारण था कि भगवान श्रीराम-लक्ष्मण और श्रीकृष्ण ने भी अपने गुरुओं से ही शिक्षा-दीक्षा ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आज के शिक्षकों में भी गुरु की वही दृष्टि विकसित करना चाहते हैं। सिंगापुर भ्रमण के लिए चयनित शिक्षक इस अवसर को भलीभांति समझें, पढ़ाने की नई-नई तकनीकें सीखें और लौटकर प्रदेश के विद्यार्थियों को उन तकनीकों का लाभ दिलाएं, जिससे वे अपने शैक्षणिक एवं चारित्रिक प्रदर्शन में अव्वल आएं। उन्होंने कहा कि चयनित शिक्षक विदेशी अध्ययन कराने की अच्छाइयों को सीखे, साथ ही अपने देश की अच्छाइयों को भी विश्व में बांटे, ताकि विविध शैक्षणिक संस्कृतियों एवं नवाचारों का आदान-प्रदान हो सके।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी से ही विश्व, देश और प्रदेश की पहचान बनेगी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक भ्रमण (सिंगापुर जाने) के लिए चयनित प्रदेश के सभी शिक्षकों को अपनी ओर से सफल एवं सुखद शैक्षणिक यात्रा की स्नेहिल शुभकामनाएं देकर उनका उत्साहवर्धन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा की शुभकामनाओं के बाद स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदयप्रताप सिंह ने सुभाष उत्कृष्ट उ.मा.वि. भोपाल परिसर से शिक्षकों की विदेश यात्रा दल बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री सिंह ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के शैक्षणिक विकास के लिए कई नवाचार किए हैं। हम शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के लिए बेहद संवेदनशील होकर प्रयासरत हैं। शिक्षकगण हमारी शिक्षा प्रणाली की धुरी हैं। इनके अध्यापन कौशल और आचरण से ही समाज को प्रेरणा मिलती है। विदेश अध्ययन के लिए चयनित सभी शिक्षक हमारे प्रदेश के मास्टर ट्रेनर्स बनेंगे। हम इनकी विशेषज्ञताओं और विशेषताओं दोनों का भरपूर इस्तेमाल राज्य के शैक्षणिक परिदृश्य के विकास में करेंगे। उन्होंने चयनित शिक्षकों और अधिकारियों से कहा कि वे इस एतिहासिक अवसर का भरपूर लाभ उठाएं। कम समय में ज्यादा सीखने का प्रयास करें, क्योंकि प्रदेश के विद्यार्थियों का भविष्य शिक्षकों के हाथों में ही है। शिक्षक जो भी नई विधाएं, नए कौशल सीखेंगे, हम उसका अधिकतम लाभ विद्यार्थियों को दिलायेंगे। कार्यक्रम में सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने प्रतिभागियों को उनकी शैक्षणिक यात्रा के उद्देश्यों और महत्व के बारे में बताकर इस परियोजना के लक्ष्यों को रेखांकित किया। कार्यक्रम में प्रभारी आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती मनीषा सेंतिया, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्री हरजिंदर सिंह सहित स्कूल शिक्षा विभाग एवं राज्य शिक्षा केन्द्र के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

क्या है स्टार्स परियोजना
स्टार्स परियोजना (स्ट्रेंथनिंग टीचिंग-लर्निंग एण्ड रिजल्टस फॉर स्टेट्स प्रोजेक्ट) भारत सरकार की विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजना है। इस परियोजना के संचालन के लिए देश के कुल 6 राज्यों का चयन किया गया है। इन 6 राज्यों में मध्यप्रदेश को भी चुना गया है। स्टार्स परियोजना के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेश के चयनित लोकसेवकों एवं शिक्षकों को वैश्विक शिक्षा प्रणाली, शिक्षा की गुणवत्ता और तकनीकी उन्नति के अवलोकन के लिए प्रिंसिपल्स एकेडमी, सिंगापुर में शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह एकेडमी सिंगापुर सरकार के इकॉनामिक डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा स्थापित विश्वविख्यात संस्थान है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button