छत्तीसगढ़-रायगढ़ के सेफ्टिक टैंक में मिली स्टील एलाइज कंपनी के वर्कर की लाश
रायगढ़.
रायगढ़ जिला मुख्यालय में शुक्रवार की सुबह सेफ्टिक टैंक में एक व्यक्ति की लाश मिलने से पूरे गांव में सनसनी फैल गई। मृतक गांव में ही स्थित एन स्टील एलाइज कंपनी में काम करते आ रहा था और दो दिन पहले गांव घूमने जाने के नाम से घर से निकला था। उक्त मामला चक्रधर नगर थाना क्षेत्र का है।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मृतक चरण सिंह मांझी पिता शालिक राम मांझी 47 साल ग्राम किरारी बाराद्वारा का रहने वाला था और वह पिछले 4-5 सालों से रायगढ़ के भेलवाटिकरा एन स्टील एलाइज कंपनी में काम करते आ रहा था। बताया जा रहा है कि मृत अपने पत्नी के अलावा अन्य 8-10 लोगों के साथ प्लांट के अंदर ही चाल बनाकर रहते थे। इस प्लांट में फ्लाइएश के छानकर लोहा निकालते थे। जिसे वापस प्लांट में बेचा जाता था। 9 अक्टूबर की रात मृतक चरण सिंह मांझी गांव घुमने जा रहा हूं कहकर निकला था। तब से वह लापता हो गया था।
प्लांट के बगल में मिला शव
परिजनों के अलावा प्लांट के अन्य कर्मचारियों के द्वारा उसकी खोजबीन की जा रही थी। इसी बीच आज सुबह प्लांट के बंगल में स्थित लखन यादव के बिल्डिंग के सैप्टिक टैंक में युवक का शव मिला। गांव के ग्रामीणों ने बताया कि आखरी बार कल शाम को ही युवक को आखरी बार देखा गया था। इस संबंध में उद्योगपति दीपक चटर्जी ने बताया कि उसके यहां के एक मजदूर चरण सिंह मांझी रात करीब 9 बजकर 40 मिनट से यहां से निकला था और रातभर घर नही पहंुचा जिसके बाद सुबह से ही उसकी खोजबीन की जा रही थी। साथ ही गांव के अन्य उसके रिश्तेदार के अलावा गांव में उसकी खोजबीन कर रहे थे।
बेटे ने लिखाई थी थाने में रिपोर्ट
इस मामले में मृतक के बेटे लव मांझी ने कल दोपहर 3 बजे चक्रधर नगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिखाई थी। इस बीच आज सुबह सेफ्टिक टैंक में उसकी लाश मिली है। उन्होंने बताया कि मृतक अपने घर में इकलौता कमाने वाला शख्स था और बीच-बीच में काम छोडकर खेती किसानी करने चले जाता था। भेलवाटिकरा गांव के पूर्व सरपंच हेमंत डनसेना ने बताया कि यह प्लांट बीते साढ़े चार-पांच साल पहले कमला राठिया के कार्यकाल के दौरान चालू हुआ था। यहां अलग-अलग जगहों से 20 से 25 मजदूर आते थे और काम करके वापस चले जाते थे।
मृतक के परिजनों को मिले मुआवजा
पूर्व सरपंच ने बताया कि इस प्लांट के जरिये लोगों का जीवन यापन हो रहा था। यह कोई बड़ा प्लांट नही है, यहां वेस्टेज आयरन लाते हैं और कुटाई और सफाई करके पुनः बाजार में बेचा जाता है। मृतक अपनी पत्नी और बच्चों के साथ यहां रहता था, प्लांट के मालिक को चाहिए कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।