पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले में CBI की छापेमारी, भारी मात्रा में बरामद किए गए गोला-बारूद और हथियार

संदेशखाली
 केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने संदेशखाली मामले में पश्चिम बंगाल में कई ठिकानों पर छापेमारी की है. जांच एजेंसी ने बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है. बता दें कि सीबीआई ने ऐसे दिन छापेमारी की है, जब पश्चिम बंगाल समेत देश के कई राज्‍यों में लोकसभा चुनाव-2024 के तहत दूसरे चरण के लिए वोटिंग चल रही है. पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 3 सीटों के लिए वोट डाले जा रहे हैं. वोटिंग के दौरान भी बंगालमें हिंसा की खबरें सामने आई हैं.

संदेशखाली मामले में सीबीआई ने पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर छापे मारे हैं. जांच एजेंसी ने कई ठिकानों पर छापेमारी कर हथियारों का जखीरा बरामद किया है. बताया जा रहा है कि कई संदिग्‍ध आरोपी सीबीआई की रडार पर हैं. वहीं, बरामद हुए हथियारों का विदेश से स्मगलिंग होने का शक है. इस मामले में तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. सीबीआई ने हथियारों की बरामदगी के साथ ही नगदी भी जब्‍त की गई है. जांच एजेंसी टीम ने अनेक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी जब्‍त किए हैं. बता दें कि इस मामले में सीबीआई तीन FIR को टेकओवर कर चुकी है. संदेशखाली मामले में पहले भी कई गिरफ्तारी हो चुकी है.

संदेशखाली मामला
पश्चिम बंगाल का संदेशखाली लगातार चर्चा में है. उत्तर 24 परगना के संदेशखाली ब्लॉक में बवाल जारी है और महिलाएं लगातार प्रदर्शन कर रही हैं. संदेशखाली कांड को लेकर भाजपा ममता सरकार पर हमलावर है. संदेशखाली कांड पर बवाल इतना अधिक बढ़ गया है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की न केवल मांग हो रही है, बल्कि सिफारिश भी हो रही है. अब सवाल उठता है कि आखिर ये संदेशखाली कांड है क्या और इसका खलनायक कौन है, जिसके गिरफ्तारी की लगातार मांग हो रही है. दरअसल, संदेशखाली बवाल की असल वजह है टीएमसी नेता शाहजहां शेख. शाहजहां शेख और उसके समर्थकों पर गरीबों की जमीन हड़पने और महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोप हैं.

संदेखशाली कब सुर्खियों में आया?

ईडी की टीम पर हमला होने के बाद संदेशखाली उस समय सुर्खियों में आया, जब वहां की महिलाओं ने शाहजहां शेख पर जमीन हड़पने और उसके गुर्गों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. इस मामले को लेकर लेफ्ट और बीजेपी पार्टियों ने ममता सरकार के खिलाफ जमकर विरोध किया. संदेशखाली में धारा 144 लगाकर विपक्ष के नेताओं को वहां जाने से रोका गया, हालांकि बीजेपी के नेताओं ने बंगाल से लेकर दिल्ली तक इस मामले को उठाया और ममता सरकार पर दबाव बनाया कि संदेशखाली के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी हो. हालांकि बंगाल पुलिस ने इसके गुर्गों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन शाहजहां शेख पर हाथ डालने से पुलिस डर रही थी. कोलकाता हाई कोर्ट ने जब शाहजहां की गिरफ्तारी का आदेश दिया तो पुलिस ने एक्शन लेते हुए फरवरी के अंत में अरेस्ट किया था.

पीड़ितों ने की थी राष्ट्रपति से मुलाकात

इसके बाद संदेशखाली की 5 महिलाओं समेत हिंसा के शिकार 11 पीड़ितों ने कुछ समय पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की थी. इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई. इस दौरान सेंटर फॉर एससी/एसटी सपोर्ट एंड रिसर्च के निदेशक डॉ. पार्थ बिस्वास ने कहा कि संदेशखाली बांग्लादेश बॉर्डर के साथ लगा हुआ है, 10 साल में इसी रास्ते से बड़ी घुसपैठ हुई है. संदेशखाली की डेमोग्राफी तेज़ी से बदल रही है. उन्होंने कहा कि ED पर हुए अटैक के पीछे बाहरी ताकत शामिल थी. उन्होंने टीएमसी का नाम लिए बिना कहा कि शेख शाहजहां के पीछे एक बड़ी पार्टी है. शाहजहां शेख ने दलितों को उनकी ज़मीन से हटाया गया है, आदिवासी ज़मीन की लीज वापस लेने पर मारपीट भी हुई. 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button