बाराबंकी के शेल्टर होम में महिलाओं के शारीरिक शोषण का मामला, एक महिला को उठाकर ले जाने का भी आरोप, पुलिस ने बनाई चार टीम
बाराबंकी
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक निजी आश्रय गृह में रहने वाली मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग दो महिलाओं के साथ कर्मचारियों ने कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया। पुलिस एक लापता महिला की तलाश कर रही है। इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें आश्रय गृह के निदेशक राजेश कुमार, सुरक्षा गार्ड राम कैलाश और एक कर्मचारी अमृता देवी शामिल हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर अपराध में आरोपियों की मदद की थी। गुरुवार का आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद यह मामला गहराया। दरअसल, दो दिन पहले हैदरगढ़ पुलिस स्टेशन में सुविधा की कोषाध्यक्ष सह वार्डन महिला ने मामले की शिकायत दर्ज कराई थी।
हैदरगढ़ थाने पहुंची महिला ने दावा किया कि आश्रय गृह निदेशक एक महिला कर्मचारी के साथ सुविधा में आया था। इस मामले में एसपी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि निदेशक और अन्य कर्मचारियों ने दो मानसिक रूप से विकलांग महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार किया और उनमें से एक का अपहरण भी कर लिया। एसपी ने कहा कि मौके से एक पीड़ित महिला को अस्पताल ले जाया गया। उसका मेडिकल परीक्षण किया गया, जिसका परिणाम अनिर्णायक था। उसकी स्वाब परीक्षण रिपोर्ट का अभी भी इंतजार किया जा रहा है।
लापता महिला की हो रही तलाश
एसपी ने कहा कि आश्रय गृह में रहने वाली लापता महिला की तलाश के लिए चार टीमें बनाई हैं। बाराबंकी के डीएम सत्येंद्र कुमार ने इस मामले पर कहा कि उप-मंडल मजिस्ट्रेट रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम ने आश्रय गृह का निरीक्षण किया। वहां अपर्याप्त सुविधाएं पाई गई हैं। इसके बाद कैदियों को लखनऊ के एक अनाथालय में भेज दिया गया। एसपी दिनेश सिंह ने कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कोषाध्यक्ष अपने पति के साथ आश्रय गृह में रहती थी।
एसपी ने कहा कि आरोपी निदेशक राजेश कुमार ने पहले सुल्तानपुर में इसी तरह का आश्रय गृह शुरू किया था। वहां कोषाध्यक्ष ने संगठन की स्थापना के समय जमीन दी थी। हालांकि, राजेश ने इसके लिए भुगतान नहीं किया था, जिससे उनके बीच विवाद हो गया था। उन्होंने कहा कि पुलिस मामले के सभी पहलुओं की जांच कर रही है।