मध्य प्रदेश में लोकसभा का चुनाव जीतने वाले कैंडिडेट विधायकी छोड़ते हैं तो उपचुनाव होगा
भोपाल
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद मध्य प्रदेश की आठ विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो सकते हैं. दो सीटों पर उपचुनाव लगभग तय हैं, जबकि दो सीटों पर परिस्थितियां नए चुनाव की ओर इशारा कर रही हैं. लोकसभा का चुनाव जीतने वाले कैंडिडेट यदि विधायकी छोड़ते हैं तो उनकी सीटों पर भी उपचुनाव होगा.
बता दें एमपी में जिन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की संभावना है, उसमें छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट भी शामिल है. अमरवाड़ा से कांग्रेस विधायक कमलेश शाह ने 29 मार्च 2024 को अपने पद से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. विधानसभा अध्यक्ष ने 30 अप्रैल को उनका इस्तीफा मंजूर करते हुए अमरवाड़ा सीट को रिक्त घोषित कर दिया है. अब इस सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होना निश्चित है.
बुधनी सीट पर हो सकता है उपचुनाव
वहीं बुधनी से विधायक पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान विदिशा से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. शिवराज के चुनाव जीतने की प्रबल संभावना है. केंद्र में फिर से बीजेपी सरकार बनने की स्थिति में चौहान को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. इसका इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं. ऐसे में उन्हें विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा. ऐसे में माना जा रहा है की बुधनी विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होगा.
बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने 5 मई 2024 को बीजेपी की सदस्यता ले ली थी. हालांकि, उन्होंने विधायक पद और कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है. इसी बीच उनके कांग्रेस में वापसी की चर्चा भी है. उनकी स्थिति 4 जून के बाद ही स्पष्ट होगी. इसलिए इस सीट पर फिलहाल विधानसभा चुनाव को लेकर संशय से बना हुआ है.
विजयपुर सीट पर हो सकता है चुनाव
विजयपुर से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने 30 अप्रैल 2024 को बीजेपी की सदस्यता ली और कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया. इसके बाद वे बीजेपी के पक्ष में प्रचार भी करते नजर आए, लेकिन उन्होंने अभी तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है. वो बार-बार बयान बदलने से सुर्खियों में हैं. यहां भी फिलहाल विधानसभा के उपचुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है.
सतना सीट पर संशय बरकरार
कांग्रेस ने सतना लोकसभा सीट से विधायक सिद्धार्थ कुशवाह को प्रत्याशी बनाया है. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी और सांसद गणेश सिंह को विधानसभा चुनाव में हराया था. इस चुनाव में भी कुशवाह ने गणेश सिंह को अच्छी टक्कर दी है. वो जीतकर यदि विधानसभा सीट छोड़ते हैं, तो यहां भी उपचुनाव होंगे. कांग्रेस ने डिंडोरी से विधायक ओमकार सिंह मरकाम को मंडला लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. मरकाम ने यहां केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं. कहा जा रहा है कि परिणाम पक्ष में आया तो मरकाम को डिंडोरी सीट छोड़ सकते हैं.
कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्को शहडोल सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं. मार्को की गोंड जनजातीय वर्ग में अच्छी साख है. उनके सामने मौजूदा सांसद हिमाद्री सिंह मैदान में हैं. यहां भी परिणाम कांग्रेस के पक्ष में गया, तब पुष्पराजगढ़ विधानसभा क्षेत्र से मार्को इस्तीफा दे सकते हैं. कांग्रेस ने तराना से तीन बार के विधायक महेश परमार को उज्जैन लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है. बीजेपी के सांसद अनिल फिरोजिया दूसरी बार मैदान में हैं. फिलहाल यहां बढ़त बीजेपी की ही नजर आ रही है, लेकिन परमार जीते तो विधायक पद से इस्तीफा देकर लोकसभा सीट को तवज्जो देंगे.