बीजेपी एक दलित नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर विचार कर रही : सूत्र

नई दिल्ली

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तैयारी में जुट गई है। फरवरी महीने के अंत तक भगवा पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलने की संभावना है। फिलहाल सत्तारूढ़ पार्टी बूथ, जिला और विभागीय अध्यक्षों के चुनाव में व्यस्त है। जल्द ही प्रदेश अध्यक्षों का चयन होगा। इस बात की संभावना है कि आधे से अधिक राज्यों के अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। इसके बाद नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान किया जाएगा। इस रेस में कई नाम चल रहे हैं। हालांकि, पार्टी सूत्रों का कहना है कि सारी अटकलों पर पानी फिर सकता है।

हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में भाजपा को मिली शानदार जीत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। इसे देखते हुए नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन में आरएसएस की दखल बढ़ने की संभावना है। ऐसी चर्चा है कि जेपी नड्डा के एक विवादास्पद बयान के बाद आरएसएस और भाजपा के बीच दूरी बन गई थी। इसका खामियाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ा था। लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र के नतीजों के बाद आरएसएस और भाजपा के बीच रिश्ते सामान्य होने की बात भी कही जाने लगी है।
इन नामों की चर्चा

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए जिन नामों की चर्चा है उनमें केंद्रीय मंत्रियों मनोहर लाल खट्टर, शिवराज सिंह चौहान, भूपेंद्र यादव, धर्मेन्द्र प्रधान और भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े का नाम शामिल है। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन नामों पर विचार करना अभी जल्दबाजी हो सकती है। अंतिम निर्णय भले ही पीएम मोदी और अमित शाह लेंगे, लेकिन आरएसएस को नजरअंदाज करना मुश्किल होगा। ऐसे में संघ की पृष्ठभूमि वाले नेता को ही इस पद की जिम्मेदारी मिलेगी, जो कि भविष्य में दोनों संगठनों की बीच सामंजस्य बनाकर चल सके।

बीजेपी एक दलित नेता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर विचार कर सकती है। अमित शाह के द्वारा संसद में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को लेकर दिए गया बयान के बाद भाजपा फिलहाल बैकफुट पर दिख रही है। वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे भी दलित समुदाय से आते हैं। ऐसे में बीजेपी दलित मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब दे सकती है। ऐसे में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, पार्टी महासचिव दुष्यंत गौतम और उत्तर प्रदेश मंत्री बेबी रानी मौर्य के नाम की भी चर्चा होने लगी है।

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