मुख्तार अंसारी की जेल में मौत के मामले में बड़ा खुलासा, विसरा रिपोर्ट से सामने आई सच्चाई  

गाजीपुर
 बाहुबली मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत हार्ट अटैक से हुई या फिर जहर की वजह से? परिजन की तरफ से लग रहे आरोप के बीच अब इस मामले में जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। मुख्तार के निधन के बाद विसरा जांच रिपोर्ट में जहर नहीं दिए जाने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार हार्ट अटैक की वजह से अंसारी की मौत हुई।

विसरा रिपोर्ट न्यायिक जांच टीम को भेज दी गई है। विसरा जांच में जहर दिए जाने की पुष्टि नहीं हुई है। गौरतलब है कि 28 मार्च की देर रात बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजन ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए उन्हें जेल में जहर देने का आरोप लगाया था।

मुख्तार की मौत के मामले की मजिस्ट्रेट और न्यायिक जांच हो रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की भी पुष्टि हुई है। विसरा रिपोर्ट भई सामने आ गई है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने भी हार्ट अटैक से मौत की बात कही थी।

28 मार्च को हुई थी मुख्तार की मौत
मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को बांदा जेल में को तबीयत बिगड़ गई थी। इसके बाद उसे बांदा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने मुख्तार अंसारी की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया था।

कैसे होती है विसरा जांच?
किसी व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद अगर पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराती है, तो इस दौरान मरने वाले के शरीर से विसरल पार्ट यानी आंत, दिल, किडनी, लीवर आदि अंगों का सैंपल लिया जाता है, उसे ही विसरा कहा जाता है। अगर किसी शख्स की मौत संदिग्ध हालात में होती है। उसकी मौत के पीछे पुलिस या परिवार को किसी भी तरह का शक होता है, तो ऐसे मामलों में मौत की वजह जानने के लिए विसरा की जांच की जाती है। विसरा की जांच में यह पता लगाया जाता है कि मौत कैसे हुई और मौत की वजह क्या थी?

मुख्तार के खिलाफ 60 से ज्यादा केस दर्ज थे

मालूम हो कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ 60 से ज्यादा केस दर्ज थे. इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, धोखाधड़ी, गुंडा एक्ट, आर्म्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, सीएलए एक्ट से लेकर एनएसए तक शामिल है. इनमें से उसे 8 मामलों में सजा हो चुकी थी.  

कैसे होती है विसरा जांच?   

किसी की मौत हो जाने के बाद अगर पुलिस शव का पोस्टमार्टम कराती है, तो इस दौरान मरने वाले के शरीर से विसरल पार्ट यानी आंत, दिल, किडनी, लीवर आदि अंगों का सैंपल लिया जाता है, उसे ही विसरा कहा जाता है.  

अगर किसी शख्स की मौत संदिग्ध हालात में होती है. उसकी मौत के पीछे पुलिस या परिवार को किसी भी तरह का शक होता है, तो ऐसे मामलों में मौत की वजह जानने के लिए विसरा की जांच की जाती है.

विसरा की जांच केमिकल एक्जामिनर करते हैं. वो विसरा की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि मौत कैसे हुई और मौत की वजह क्या थी? विसरा रिपोर्ट को न्यायालय में सबूत के तौर पेश किया जाता है.

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