मंडल में कैटल रन ओवर के खतरे से निपटने हेतु जागरूकता अभियान
बिलासपुर
रेलवे पटरियों पर मवेशियों के प्रवेश ने ट्रेनों की समय की पाबंदी पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है । मवेशियों के टकराने की घटनाओं से न केवल ट्रेनों की समय की पाबंदी के साथ-साथ ट्रेनों एव उनमें यात्रा करने वाले यात्रियों की सुरक्षा और संरक्षा भी प्रभावित होती है । ट्रेनों के साथ मवेशियों के टकराने की घटनाओं को कम करने के लिए बिलासपुर मंडल में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, साथ ही साथ मवेशियों के मालिकों को भी इससे होने वाले नुकसानों और कानूनों की समझाइश दी जा रही है । पशुपालकों को, पहले स्थिति की गंभीरता से अवगत कराया जा रहा है साथ ही यदि वे इसका पालन नहीं करते हैं, तो प्रशासन उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी कर सकता है।
चराई करते समय, मवेशी रेलवे पटरियों पर आ जाते हैं और गाडियों की चपेट में आने से मर जाते हैं। ऐसे हादसों से न केवल गाडियों का परिचालन प्रभावित होता है बल्कि रेल्वे संपत्तियो को भी नुकसान होता है साथ ही साथ उनमे यात्रा करने वाले यात्रियो के जान माल की सुरक्षा भी खतरे मे पड़ जाती है। रेल प्रशासन द्वारा रेलवे सुरक्षा बल एवं संबधित निरीक्षकों को इस प्रकार के मामले में कानूनी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। मवेशी मालिक अपनी मवेशियां को रेल लाइनों से दूर रखकर रेल परिचालन को सुगम बनाने मे मदद करे।
इस तरह के मामले मे रेलवे अधिनियम 1989 की धाराएँ 153 और 154 के तहत जुमार्ना या कारावास या दोनों का प्रावधान है तथा इस प्रकार के मामले की पुनरावृति होने पर दोषी के खिलाफ अधिकाधिक अर्थदंड एवं कठोर कार्यवाही हो सकती है । रेलवे ट्रेनों की समय सीमा में सुधार एवं सुरक्षित यात्रा व परिवहन के लिए रेलवे की सीमा मे मवेशियों को प्रवेश करने से रोकने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है।