मांगलिक कार्य, शादी ब्याह समेत अन्य शुभ कार्य शुरू, जून तक लग्न

वैसाख कृष्ण पक्ष प्रतिपदा सूर्य का गोचर सोमवार को सूर्योदय पूर्व से ही अश्विनी नक्षत्र एवं मेष राशि में हो गया है। मेष राशि में प्रवेश करते ही एक माह से चले आ रहे खरमास का समापन भी हो जाएगा। उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद डॉ. पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया कि खरमास में विवाह आदि मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त का अभाव हो जाता है लेकिन सूर्य के मेष राशि में पहुंचने के बाद विवाह आदि शुभ मुहूर्त मिलने की वजह से विवाह की गूंज चहुंओर सुनाई देने लगेगी। खरमास के बाद सोमवार से विवाह शुरू हो गए है, शुभ मूहुर्त आठ जून तक रहेगा।
उसके बाद देवगुरु बृहस्पति को वृद्धत्व का दोष लग जाएगा। जिससे विवाह आदि के लिए शुभ मुहूर्त समाप्त हो जाएंगे। इसके बाद पुन: श्री हरि विष्णु के चिरनिद्रा से जागने के बाद 18 नवंबर 2025 से विवाह लग्न आरंभ होगा।
विवाह लग्न की तारीख-
अप्रैल- 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 25, 26, 29, 30
मई- 1, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 28,
राशियों में दिखेगा प्रभाव-
● मेष : व्यक्तित्व, आकर्षण में वृद्धि। बौद्धिक क्षमता का सदुपयोग होगा।
● वृष : गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि होगा। माता की सेहत सुधरेगी।
● मिथुन : आय, लाभ, पराक्रम एवं पुरुषार्थ में वृद्धि होगा। भाई, बहनों, मित्रों का सहयोग प्राप्त होगा।
● कर्क : परिवार में शुभ कार्य होंगे। धन संबंधित कार्यों में प्रगति होगी।
● सिंह : मनोबल में वृद्धि होगा। व्यक्तित्व में निखार आएगा।
● कन्या : वाणी की तीव्रता में वृद्धि होगा। पारिवारिक खर्च बढ़ेगा।
● तुला : आय, व्यापार, व्यक्तित्व में वृद्धि होगी। दांपत्य जीवन में तनाव हो सकता है।
● वृश्चिक : सामाजिक, पद, प्रतिष्ठा, परिश्रम में वृद्धि होगी।
● धनु : बौद्धिक क्षमता का विस्तार, अध्ययन में वृद्धि होगी। संतान पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होगा।
● मकर : सीने की तकलीफ होगी। गृह एवं वाहन सुख में तनाव होगा।
● कुंभ : पराक्रम एवं पुरुषार्थ, सामाजिक दायरे में वृद्धि होगी।
● मीन : वाणी की तीव्रता, अचानक खर्च में वृद्धि होगी।