सेना के जवान का घर चोरी का शिकार, पुलिस की कार्रवाई से दुखी जवान ने बताया दर्द

मुरैना
घर में चोरी करने वाले बदमाशों को पुलिस द्वारा पकड़े नहीं जाने, चोरी गई रायफल व अन्य सामान की बरामदगी नहीं होने से दुखी सेना के एक जवान ने वीडियो जारी कर हड़कंप मचा दिया है। सेना का यह जवान कह रहा है कि मुरैना में ठाकुरों का जातिवाद चल रहा है। छोटी जातियां मारी जा रही हैं, उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही। यह जवान मदद मांगते हुए कह रहा है, कि मुरैना जिले में जातिवाद बढ़ा है। इस सैनिक का नाम सत्यनारायण ओझा है, जो वर्तमान में बैंगलुरू में पदस्थ हैं। अंबाह कस्बे के पूठ रोड की गली नंबर एक का निवासी है। जो कह रहा है कि सरकार चोरों का पकड़े या फिर उसे गांव छोड़ने की अनुमति दे। वह अपना घर-जमीन चोर, पुलिस और नेताओं को दे जाएगा।
 
पढ़िए सैनिक सत्यनारायण ओझा की जुबानी
मैं श्रीमान डॉक्टर मोहन यादव से एक प्रार्थना करना चाहता हूं, कि अभी मुरैना जिले में जातिवाद बहुत चल रहा है। मेरे साथ भी यही हुआ है। मेरे घर में 4 मई 2025 को चोरी हुई। चोर मेरी पर्सनल रायफल, लाइसेंस, मोबाइल, सोना और घर में रखी नकदी को ले गए। चोर चोरी करके निकल गए, रात को एक बजे मेरी मां ने मुझे फोन पर बताया, कि घर में चोरी हो गई। मैंने मां से कहा अभी मैं ऑपरेशन सिंदूर की ड्यूटी में हूं। मैं यहां से अभी नहीं आ सकता।

पहले देश की सुरक्षा की ड्यूटी जरूरी है, घर की सुरक्षा बाद में भी जा आएगी। मेरे पिता साधू बन गए हैं, कोई भाई नहीं है, तीन बहने हैं उनकी शादी हो चुकी है। रात में पिता मंदिर से आए और माता-पिता रात में ही थाने गए। टीआई ने सुबह, दोपहर और फिर कहा कि शाम को आ जाओ, दूसरे दिन रात आठ बजे चोरी का केस दर्ज हुआ। मेरे घर से दो किलोमीटर दूर एक सीसीटीवी कैमरे में चोर मेरी बंदूक के साथ दिखे।

इसके बाद मैंने कई बार फोन किया, टीआई साहब ने उन आरोपितों को कुछ दिन बाद शाम के समय पकड़ा और सुबह छोड़ दिया। मैंने फोन पर पूछा तो पहले मुझसे कहा कि चोर यही है, चिंता मत करो फौजी तुम्हारा सामान मिल जाएगा। चोरों ने तुम्हारा घर बता दिया, कहां से चढ़े, कहां से चोरी की सब बता दिया। टीआई साहब ने बताया कि इसके चार साथी और हैं, उनका पता लगता है। बाद में कहने लगे कि यह चोर नहीं हैं।

टीआई अब मेरा फोन तक नहीं उठाते। मेरे घर से चोरों का घर तीन-चार किलोमीटर दूर है। गांव में भी सब कह रहे हैं, कि यही चोर हैं और पुलिस ने ले-देकर इन्हें छोड़ दिया है। पहले मैं जम्मू था अब बैंगलुरू में हूं। टीआई तो सुनते ही नहीं, ऐसा लगता है कि वह खुद की प्रधानमंत्री है, वह नेताओं का आदमी है, जनता का नहीं है। मैं चार बार छुट्टी लेकर गया, दो बार एसपी साहब के सामने गया, एक बार एएसपी साहब से गुहार लगाई, चौथी बार मुझे कोई नहीं मिला, घंटों इंतजार कर वापिस आ गया, पर कहीं सुनवाई नहीं कर रहे।

सीएम हेल्पलाइन में शिकायत कर-करके परेशान हो गया। सीएम साहब ने सीएम हेल्पलाइन नाम की बनाई है। यहां नेताओं की दबंगई चल रही है। हमारे यहां मुरैना में नेता कौन है? दिमनी विधानसभा में देख लो कौन हैं। तोमर-तोमर की भाईबंदी चल रही है। नींची जात मारी जा रही है, हमारी जैसी। यही चोरी किसी तोमर के घर में होती तो पुलिस शाम तक खुलासा कर देती।

सीएम साहब से मेरा अनुरोध है, कि चोरी गया मेरा सामान दिलवाएं या फिर मुझे गांव छोड़ने की अनुमति दे दी। मेरा छोटा सा घर है, थोड़ी सी जमीन है, उसे चोरों को दे दू दूंगा, पुलिस को दे दूंगा और अगर नेताओं को चाहिए तो उन्हें दे दूंगा। मुझे कुछ नहीं चाहिए। मैं यूं ही खाली हाथ चला जाऊंगा। किसी नेता का पीतल का हाथी चोरी हुआ उसको 24 घंटे में ढूंढ लिया। एक नेता का कुत्ता चोरी हुआ उसे पुलिस चोर सहित पकड़ लाई।  

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